राजनांदगांव

भू-भाटक और प्रीमियर की दोहरी मार, न्यायालय जाएंगे-लाल
23-May-2022 3:33 PM
भू-भाटक और प्रीमियर की दोहरी मार, न्यायालय जाएंगे-लाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 मई।
जिला अंतर्गत राजनांदगांव तहसील में पट्टे हेतु निर्धारित प्रक्रिया का अतिक्रमण करते हुए भू-स्वामियों को पट्टा आबंटन एवं उसके नवीनीकरण की प्रक्रिया में ले लिया गया है। फलत: भूखंड स्वामी (शहर क्षेत्र) को अपने ही स्वामित्व के भूखंड पर भी भू-भाटक एवं प्रीमियम का दायी बनाया जा रहा है, क्या यह वैधानिक, उचित अथवा प्राकृतिक न्याय के अनुकूल है कि भू-खंड स्वामी से भू-भाटक एवं प्रीमियम वसूला जाए। इसका अर्थ यह भी हुआ कि इस नगर में भू-स्वामी एक तरफ  तो नगर निगम के संपत्ति कर का विषय बन रहा है तो दूसरी ओर उसी संपत्ति पर नजूल टैक्स भू-भाटक भी दे रहा है।

उक्ताशय की जानकारी देते भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश एच. लाल ने बताया कि एक तरफ  पट्टाधारी बनाए जाने के बावजूद पट्टाधारी भू-स्वामी अपने भवन एवं भूखंड को विक्रय के लिए रजिस्टार दफ्तर में विक्रेता भू-स्वामी या भवन स्वामी के रूप में खड़ा होता है एवं स्टाम्प शुल्क, पंजीयन शुल्क इत्यादि के लिए दायित्वधीन भी होता है।

श्री लाल ने कहा कि आपदा एवं प्रबंध विभाग छग शासन के सचिव राजस्व विभाग द्वारा क्र. एफ-4-43, 7-1-203 दिनांक 2 फरवरी 2015 द्वारा नजूल भूमि का नवीनीकरण तथा पट्टा आवंटन प्रक्रिया का सरलीकरण करते समस्त संभागीय आयुक्तों एवं कलेक्टरों को निर्देश जारी हुआ। परिपत्र में भूमि के स्थायी पट्टों के नवीनीकरण के अधिकार संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टरों को दिसंबर 15, 2008 के परिपत्र के अनुशरण में दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि निर्देश पत्र में नजूल भूमि परिभाषित है। जिसके अनुसार नगरीय क्षेत्र में शामिल ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय भूमि अथवा आबादी भूमि नजूल भूमि मानी जाती है। आबादी जमीन से तात्पर्य नगर के इतर किसी गांव में निवास के लिए एवं अन्य प्रयोजना यथा चारागाह आदि के लिए आरक्षित क्षेत्र होता है।

उन्होंने कहा कि राजनांदगांव शहर अंतर्गत इंदिरा नगर दक्षिण क्षेत्र पट्टों के वितरण के आधार पर बसा है। सिंधी कॉलोनी, जीई रोड एवं इंदिरा नगर चौक का बड़ा हिस्सा देश विभाजन पर विस्थापित होकर आए लोगों के पुनर्वास हेतु पट्टा आवंटन द्वारा नियोजित हुआ है। दुर्ग जिला गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा निर्मित एवं विकसित कैलाश नगर नजूल भूमि पर बसा है, जो भूखंड उक्त सोसायटी को अग्रिम आधिपत्य में हासिल हुआ है। ये मुख्य उदाहरण है, जो पट्टों के आवंटन एवं नवीकरण के विषय है। राजनांदगांव नगर के अंतर्गत निजी भू-स्वामियों को भी पट्टेदार बनाया गया है और शेष को पट्टाधारी बनाया जाकर भू-भाटक प्रीमियम एवं शास्ति वसूल किया जा रहा है। निजी भूस्वामियों को नोटिस में यह भी उल्लेखित है कि पट्टा नवीनीकरण नहीं करवाने पर उक्त भूमि को शासन में निहित माना जाएगा। भूमि स्वामियों पर यह कार्रवाई कानून की मंशा के विपरीत एवं विधि की गलत मीमांसा पर आधारित है। संभवत: राजनांदगांव एकमात्र शहर है, जहां निजी भू-स्वामियों को भी पट्टेदार बनाया जा रहा है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news