राजनांदगांव

भूमि की उर्वरता बढ़ाने सूक्ष्म जीव के संरक्षण के लिए वर्मी कम्पोस्ट उपयोगी - राजपूत
25-May-2022 3:42 PM
भूमि की उर्वरता बढ़ाने सूक्ष्म जीव के संरक्षण के लिए वर्मी कम्पोस्ट उपयोगी - राजपूत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 25 मई।
कम कीमत पर गोधन न्याय योजना के माध्यम से गौठानों में तैयार किए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट खाद अपने विभिन्न गुणों के कारण कृषकों के बीच लोकप्रिय होते जा रहा है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र डॉ. बीरबल राजपूत ने किसानों से कहा कि आने वाले खरीफ सीजन में जैविक खाद का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि किसान रासायनिक खाद को महत्व देते हैं। जिसका दुष्परिणाम हम देख रहे हैं भूमि खराब हो रही है और भूमि में कड़ी परत जम जाती है।

सहायक संचालक टीकम ठाकुर ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट कई सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है। वर्मी कम्पोस्ट पर्याप्त मात्रा में भूमि में मिलाने से सूक्ष्म जीवों की गतिविधियां बढ़ जाती है। नाईट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस घोलक जीवाणु की संख्या में वृद्धि होती है, जो भूमि में पहले से पड़े अनऐवलेबल फॉर्म ऑफ न्यूट्रेन्ट्स को पौधों को उपलब्ध कराने में विशेष रूप से सहयोगी होते हैं। कृषक न केवल वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग में रूचि दिखा रहे हैं, बल्कि उनके महत्वों से अन्य कृषकों को भी अवगत कराना अपनी जवाबदारी समझ रहे हैं।

मानपुर विकासखंड के ग्र्राम डोंगरगांव के किसान घसिया राम का कहना है कि उनके द्वारा गत् वर्ष खरीफ और रबी में वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग खेत की तैयारी करते समय किया गया था। जिसके कारण न केवल उनके धान और चना फसल में अंकुरण अच्छा हुआ, बल्कि अंकुरण से लेकर शाखा बनने तक कीट बीमारियों का प्रकोप जो पहले होता था, उसकी मात्रा काफी हद तक नियंत्रित हुई। साथ ही वर्मी कम्पोस्ट डालने से खेतों की उर्वरा शक्ति बढऩे लगी।

इसी प्रकार मानपुर विकासखंड के ग्राम ताड़ों किसान दुकाल सिंह लगातार कई वर्षों से खेत में मक्का की फसल लेते आ रहे हैं। जिसमें अधिक मात्रा में रासायनिक खाद की आवश्यकता पड़ती है। जिसके कारण उनकी खेत की मिट्टी कठोर हो गई थी। गत वर्ष उसी रकबे में धान फसल लेने के लिए खेती की तैयारी करते समय प्रति हेक्टेयर 4 क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया। जिससे मिट्टी में सुधार होने के साथ ही जलधारण क्षमता बढ़ी और फसल में बेहतर बढ़वार देखने को मिला।
इस बार भी दुकाल सिंह ने अभी से अपने खेतों के वर्मी कम्पोस्ट का उठाव समितियों से कर खरीफ फसल के लिए खेतों की तैयारी में जुट गए हैं।

डोंगरगढ़ के ग्राम नागतराई की प्रगतिशील महिला कृषक हीराबाई पति परसाराम के पास 2 हेक्टेयर खेती भूमि है। जिसमें गोबर खाद का उपयोग करती रही है। गोधन न्याय योजना के शुरू होने के बाद हीराबाई द्वारा प्रयोग के रूप में 1 हेक्टेयर में वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग विगत खरीफ में किया गया। जिसमें मक्का फसल लेकर 38 क्ंिवटल उत्पादन प्राप्त किया। जबकि अन्य 1 हेक्टेयर में गोबर खाद का उपयोग किया गया था । उसमें मात्र 30 क्ंिवटल ही मक्का का उत्पादन प्राप्त हुआ। वर्मी कम्पोस्ट से लाभ के अपने अनुभव को बताते हीराबाई कहती है कि वर्मी कम्पोस्ट में पहले से उपलब्ध विभिन्न प्रकार लाभदायक जीवाणु खेतों में मिलने से फसल की बढ़वार में बहुत सहायता करते हैं।
 

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