राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 मई। केंद्रीय योजनाओं के से नल-जल योजना मिशन लाकर गांव के घरों तक पानी पहुंचाने कार्य कर रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लोगों के घर-घर पानी पहुंचाने करोड़ों की लागत की योजनाएं बनाई, लेकिन उस पर अमल नहीं कर भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा मलाई खा ली जा रही है।
धरातल पर लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी देने के नाम पर स्थानीय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में करोड़ों का खेल चल रहा है। पीएचई के कतिपय और गैर जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में केंद्रीय योजनाओं के तहत जिले को करोड़ों रुपए मिल रहे हैं। आज भी पानी के लिए गांव वालों को अभी भी दूर-दूर भटकना पड़ रहा है।
राजनांदगांव जिला पंचायत के सभाकक्ष में बीते वर्ष में प्रोजेक्ट धीरी नल-जल योजना के मुद्दे को लेकर राजनांदगांव जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू द्वारा उठाया गया था। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट धीरी नल-जल योजना के नाम पर सर्वप्रथम लगभग 28 करोड़ प्रस्ताव किया गया था। 28 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी यह योजना खुद आज भी पानी की तलाश कर रही है और तो और इसके बाद कार्यपालन अभियंता राजनांदगांव द्वारा मेंटेनेंस के नाम पर 15 करोड़ पुन: स्वीकृति कराया गया। अब इस योजना की लागत लगभग 42 करोड हो गई। इतनी रकम खर्च करने के बाद भी 24 गांव के ग्रामीणों को आज तक पानी नसीब नहीं हो रही है। इसकी शिकायत विभाग के मंत्री एवं बड़े अधिकारियों को अवगत कराना था, किंतु आज पर्यंत जिन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।