बिलासपुर
बिलासपुर, 9 जून। आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि फूड प्वाइजनिंग की शिकार 9 साल की बच्ची मीनाक्षी के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, क्योंकि उसकी मौत स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण हुई है।
प्रेस क्लब में आज पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता प्रियंका शुक्ला, प्रदेश कोषाध्यक्ष सलीम काजी, जिला अध्यक्ष सलीम काजी और अन्य पदाधिकारियों ने पत्रकारों से कहा कि 5 जून को गुपचुप चाट खाने के कारण देवकिरारी ग्राम के 40 से अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए थे।
आप कार्यकर्ता घटना की सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंचे तो देखा कि वहां भर्ती मरीजों की देखभाल करने के लिए कोई नर्स या स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद नहीं था। मरीज भयभीत थे और शौचालय सहित पूरे अस्पताल के भीतर गंदगी फैली थी। आप नेता जसबीर चावला के सवाल-जवाब के बाद अमला हरकत में आया। तब 4 बच्चों को सिम्स रेफर किया गया और दो को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद भी 9 साल की साक्षी की जान नहीं बचाई जा सकी और उसकी 11 साल की बड़ी बहन साक्षी की हालत भी गंभीर बनी थी। लाखों का वेतन पाने वाले स्वास्थ्य कर्मी और डॉक्टर मरीजों के इलाज के प्रति लापरवाह हैं। देवकिरारी सहित हथनी और अमेरीकापा के उप-स्वास्थ्य केंद्र पिछले 4 सालों से बंद पड़े हैं। कई बार पत्र लिखने के बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। निजी अस्पताल में 2 मरीजों का उपचार कराने के लिए इसीलिए भेजा गया। इनके इलाज का खर्च भी आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी वहन कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य की व्यवस्था चरमरा गई है। यदि इसमें सुधार नहीं लाया जाता तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।