महासमुन्द

स्नान से बीमार हुए भगवान जगन्नाथ का आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार शुरू
26-Jun-2022 3:48 PM
स्नान से बीमार हुए भगवान जगन्नाथ का आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार शुरू

30 को नेत्रोत्सव के साथ 1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे

 प्रतिदिन प्रभु को काढ़े का भोग लगाया जा रहा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 जून।
स्नान से बीमार हुए भगवान जगन्नाथ का सेवायत आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार शुरू हो गया है। प्रतिदिन प्रभु को काढ़े का भोग लगाया जा रहा है। यानी भगवान को दवा स्वरूप काढ़ा अर्पित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि भगवान जगन्नाथ वर्तमान में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं और 29 जून तक भगवान जगन्नाथ को काढ़े का ही भोग अर्पित किया जाएगा। इसके बाद 30 जून को नेत्रोत्सव के साथ वे स्वस्थ होकर 1 जुलाई को भक्तों को दर्शन देंगे।

बहरहाल भगवान जगन्नाथ भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे हैं। इस उपचार के साथ भगवान जगन्नाथ के रथ यात्रा की तैयारी भी शुरू हो गई है। श्रीराम जानकी मंदिर स्थित जगन्नाथ मंदिर में इन दिनों रथयात्रा महोत्सव की तैयारियां जोर शोर चल रही है। पंडित नारायण दास वैष्णव ने बताया कि भगवान के लिए दालचीनी, जावित्री, कालीमिर्च, लौंग, इलायची को उबालकर भगवान का काढ़ा तैयार करके उन्हें अर्पित किया जा रहा है।

पंडित जी के मुताबिक दशमी को दशमूलारिष्ट, एकादशी को अनार का काढ़े से उपचार किया गया। ये सारी सेवाएं स्कंद पुराण के उत्कल खंड में जो नियम बताए गए हैं, उसके अनुसार ही चलती हैं। आगामी 30 जून को भोर में भक्तों को भगवान के ललाट के दर्शन होंगे। बाद 1 जुलाई को पूर्ण स्वरूप के दर्शन होंगे। मंदिर समिति के अध्यक्ष विरेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी 8 क्विंटल गजा मूंग का प्रसाद भक्तों में वितरण के लिए तैयार किया जाएगा। इसमें चना, मूंग और गुड़ से प्रसाद तैयार किया जाएगा। इसके लिए आज रविवार की शाम मंदिर समिति की बैठक है जिसमें रथयात्रा को लेकर तैयारी के संबंध में चर्चा की जाएगी।
 

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