राजनांदगांव

आवास में अवैध कब्जाधारक पर होगी कानूनी कार्रवाई
05-Jul-2022 3:13 PM
आवास में अवैध कब्जाधारक पर होगी कानूनी कार्रवाई

आवास दिलाने के प्रलोभन से बचें, स्वयं के आवास का करें सपना साकार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 जुलाई। प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक एएचपी ‘मोर आवास मोर चिन्हारी’ के तहत शहर की चिन्हित झुग्गी बस्ती के रहवासी परिवारों को स्वच्छ सुंदर वातावरण में आवास उपलब्ध कराकर इनके जीवन स्तर को संवारने का प्रयास राज्य एवं केंद्र शासन के सहयोग से किया जा रहा है, किन्तु  कतिपय लोगों द्वारा आवास योजना का दुरूपयोग किया जा रहा है। आवास दिलाने के नाम पर पैसा वसूली की जा रही है।

इसी प्रकार बने आवासों में बिना आबंटन के कब्जा भी किया जा रहा है। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त डॉ. अशुतोष चतुर्वेदी ने नागरिकों से अपील करते कहा है कि किसी के द्वारा आवास दिलाने के प्रलोभन से बचे, क्योंकि  नियमानुसार प्रक्रिया कर आवास आबंटन निगम द्वारा किया जाता है। इसी प्रकार पात्र आबंटी हितग्राही ही आवास के हकदार हैं। अवैध रूप से कब्जाकर रहने वाले हकदार नहीं है। उन्हें निगम द्वारा हटा दिया जाएगा। अपालन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि कच्चे मकान में निवासरत पट्टाधारी एवं निजी और शासकीय भूमि मेें अतिक्रमण कर बसे परिवार को योजनांतर्गत पक्का आवास उपलब्ध कराना योजना का मूल उद्देश्य है। इसकी पात्रता के लिए ऐसे परिवार जिनकी समस्त स्त्रोतो से वार्षिक आय 3 लाख रुपए से कम होना चाहिए।

आवेदन करने वाले व्यक्ति का या उसके परिवार का संपूर्ण भारत वर्ष में कोई भी पक्का आवास नहीं होना चाहिए। 31 अगस्त 2015 के पूर्व से उस झुग्गी बस्ती का रहवासी होना अनिवार्य है, जिसे विस्थापित किया जाना है अन्यथा की स्थिति में इस नियम कि पूर्ति न होने पर उन्हें आवास प्रदान नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि एएचपी के आवास गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निवास करने के लिए है। आवास का किसी भी स्थिति में किराए पर या निवास के अतिरिक्त अन्य कार्य के लिए उपयोग नहीं किया जाना है। आवास का आबंटन व्यवस्थापन अंतर्गत लाटरी के माध्यम से किया जाना है।

आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि नगर निगम राजनांदगांव क्षेत्र में मोर जमीन मोर मकान के तहत रेवाडीह, पेंड्री, लखोली, मोहारा आदि क्षेत्रों में आवास का निर्माण किया गया है, जहां नियमों के तहत प्रक्रिया कर पात्र हितग्राहियों को आवास का आबंटन किया जाता है। उन्होंने पात्र हितग्राहियों से कहा कि आवास की स्वीकृति उपरांत निगम द्वारा नियुक्त वास्तुविदों के कहे जाने पर ही आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ करें, निगम द्वारा आवास निर्माण के लिए किसी भी ठेकेदारों को अधिकृत नहीं किया गया है। हितग्राही अपना आवास निर्माण का कार्य स्वयं से अथवा किसी भी राज मिस्त्री से करा सकता है।

आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने पात्र हितग्राहियों से कहा है कि इस योजना के संबंध में किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी प्रकार के प्रलोभन मे न आवे और न किसी के द्वारा आवास दिलवाने के प्रलोभन में आकर इस हेतु पैसा न दें। अगर कोई भी आपसे उपरोक्त संबंध में पैसे की मांग करता है, तो इस संबंध में नगर पालिक निगम कार्यालय या प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय में तत्काल शिकायत करें। बिना आबंटन किसी को भी रेवाडीह, पेंड्री, लखोली, मोहारा आदि निकाय क्षेत्रो में बने आवासों में आवास प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने नागरिकों से आवास दिलवाने के प्रलोभन से बचते पात्रता अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने की अपील की है। साथ ही जिन लोगों द्वारा लखोली मेें बने आवास में अवैध रूप से बलात कब्जाकर आवास में निवास किया जा रहा है, वे स्वमेव आवास रिक्त कर दे। अन्यथा उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करते आवास रिक्त कराया जाएगा।
 

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