रायपुर

डॉ. बघेल ने छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान जगाने दिया था पंक्ति तोड़ो, नाता जोड़ो का नारा
19-Jul-2022 6:31 PM
डॉ. बघेल ने छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान जगाने दिया था पंक्ति तोड़ो, नाता जोड़ो का नारा

डॉ. खूबचंद की जयंती पर सीएम का संबोधन

 ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 19 जुलाई। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि डॉ.खूबचंद बघेल छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान को जगाने और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले अग्रणी नेता थे। छत्तीसगढ़ के खान पान, रहन-सहन, बोली, भाषा को ऊपर उठाने में हमारे जिन महापुरुषों ने योगदान दिया, उनमें डॉ. खूबचन्द बघेल सदैव अग्रणी रहे। उन्होंने जीवनभर किसानों, आदिवासियों के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए संघर्ष किया।

 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर में आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जयंती समारोह का आयोजन फूल चौक स्थित व्यावसायिक परिसर में किया गया। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, महापौर रायपुर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा सहित समाज के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. बघेल ऐसे बिरले फ्रीडम फाइटर रहे, जिनकी मां एवं पत्नी तथा स्वयं उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल की यात्राएं की। डॉ. बघेल एक अच्छे राजनेता रहे, उन्होंने विधायक, सांसद, संसदीय सचिव, नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों में रहते हुए विधानसभा और लोकसभा में  आम जनता की आवाज बुलंद की। उन्होंने पंक्ति तोड़ो, नाता जोड़ो का नारा देकर समाज में व्याप्त विसंगतियों और कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया।  मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए पहली आवाज डॉ. खूबचंद बघेल ने उठाई।

 डॉ. बघेल छत्तीसगढ़ के पहले एकांकी लेखक थे। उन्होंने ऊंच-नीच, जनरैल सिंह, करम छड़हा जैसी अनेक रचनाएँ लिखी। उन्होंने नाटक भी लिखा और साथ ही उनमें अभिनय भी किया। डॉ. बघेल एक अच्छे किसान एवं चिकित्सक थे। साथ ही सहकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने अपना योगदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार डॉ.खूबचंद बघेल के बताए रास्ते पर चलते हुए किसानों, आदिवासियों के उत्थान के लिए काम कर रही है। छत्तीसगढिय़ा स्वाभिमान को जगाने और अपनी संस्कृति को नई पहचान दिलाने का काम कर रही है। हमारी संस्कृति से जुड़े हरेेली, तीजा जैसे त्यौहारों और गेड़ी, भौंरा जैसे खेलों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल के छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने के काम में योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि बासी के बारे में जो हमारी हीनता है, संकोच है उसे दूर करने के लिए डॉ. बघेल ने कविता लिखी थी कि ’बासी के गुण कहूं कहां’ तक, इसे न टालो हासी में, बिकट विटामिन भरे हुए हैं, छत्तीसगढ़ के बासी म’। हमने एक मई, मजदूर दिवस को बोरे-बासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डॉ. बघेल के नाम पर डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के 65 लाख परिवार स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। अब तक 18 लाख परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना में गरीब परिवारों को इलाज के लिए 5 लाख रूपए तक की सहायता देने का प्रावधान है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news