रायपुर
![टेरर फंडिंग में बड़ा खुलासा, श्रवण कुमार के खिलाफ ईडी के पास भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस, कोर्ट में याचिका खारिज टेरर फंडिंग में बड़ा खुलासा, श्रवण कुमार के खिलाफ ईडी के पास भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस, कोर्ट में याचिका खारिज](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1658321436611842327G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 जुलाई। आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुडक़र देश में टेरर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार श्रवण कुमार के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। श्रवण के खिलाफ सिर्फ आतंकी संगठन को मदद पहुंचाना ही नहीं बल्कि देश में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को भी अंजाम देने का खुलासा हुआ है। मालूम हुआ है श्रवण के खिलाफ देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ईडी ने भी मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। केस दर्ज होने के बाद श्रवण ने विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका लगाई थी लेकिन अब उसके खारिज किए जाने की खबर है। रायपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि की है।
पुलिस को पिछले 9 साल से श्रवण की तलाश थी। वर्ष 2013 में खमतराई क्षेत्र से चिकन दुकान चलाने वाले धीरज साव के बारे में पता चला था जब उसके खातों की जांच में आतंकी संगठन के लिए मदद पहुंचाने फंडिंग का खुलासा हुआ था। इसी कड़ी में उस वक्त पुलिस ने धीरज के साथ जुड़े हुए साथियों जुबेर हुसैन आयशा बानो पप्पू मंडल और राजू खान को गिरफ्तार किया था। उनके खातों की जांच में पता चला था कि पाकिस्तान से देशभर के कई राज्यों में आतंकी गतिविधियों के लिए रुपयों का ट्रांजैक्शन बैंक खातों से किया जा रहा था। इसी मामले में श्रवण का नाम सामने आया था जिसके बाद पुलिस की खुफिया टीम लगातार उसके बारे में जानकारी जुटा रही थी।
एडिशनल एसपी क्राइम अभिषेक महेश्वरी ने बताया, श्रवण के खातों में पाकिस्तान के कराची से रुपए ट्रांसफर हुए हैं। रायपुर के लिए ?70000 सिर्फ आतंकी गतिविधियों के लिए भेजा गया था, और देश के अन्य शहरों के लिए हिसाब 20 से 2500000 रुपए तक का है। दिलचस्प यह है कि पाकिस्तान के तमाम शहरों से फंडिंग के लिए निकली राशि भारतीय खातों के माध्यम से देश के अन्य शहरों में भेजे गए। एडिशनल एसपी महेश्वरी ने दावा किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामले में ईडी भी नजरें गाड़ी हुई है। श्रवण के पुलिस रिमांड लेने के मामले में पुलिस का कहना है कि उनके पास आतंकी संगठन को मदद पहुंचाने के पर्याप्त साक्ष्य मिल चुके हैं। अभी पुलिस रिमांड लेने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है। आगे स्थिति के अनुसार बाकी अन्य आरोपियों से जरूर पूछताछ हो सकती है।
गौरतलब है कि टेरर फंडिंग के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने 9 साल बाद पकड़े गए श्रवण के बारे में खुलासा किया था। मंगलवार को एक विशेष टीम श्रवण को गिरफ्तार कर रायपुर लोटी। पुलिस के पास जिस बैंक खाते का डिटेल है फिलहाल उसे गोपनीय रखते हुए रुपयों का इस्तेमाल करने वालों की भी अब तफ्तीश चल रही है।
फिलहाल एनआईए संपर्क से दूर
देश में आतंकी गतिविधियों की जांच करने वाली एजेंसी एनआईए फिलहाल टेरर फंडिंग के इस मामले से दूर है। छत्तीसगढ़ से चर्चा के दौरान रायपुर पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। एनआईए के किसी भी अधिकारी ने इस मामले को लेकर कोई संपर्क नहीं किया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि श्रवण और उसके साथ जुड़े बैंक का मकसद सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग और पाकिस्तान से निकलने वाली राशि को इधर-उधर ठिकाने लगाने का था।
रिमांड लेने की जरूरत नहीं
आरोपी श्रवण से तमाम बिंदुओं पर पूछताछ कर ली गई है। उसके पुलिस रिमांड लेने की जरूरत नहीं है। ईडी से जुड़े मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज होने का पता चला है।
- अभिषेक महेश्वरी, एडिशनल एसपी क्राइम