रायपुर

सीएम की घोषणा को भूला निगम, चावड़ी में शेड नहीं, थाली भी पांच रूपए महंगी
20-Jul-2022 8:09 PM
सीएम की घोषणा को भूला निगम, चावड़ी में शेड नहीं, थाली भी पांच रूपए महंगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 जुलाई। राजधानी के गांधी चौक में बैठे दिहाड़ी मजदूर बारिश हो या गर्मी हर मौसम में खुले आसमान के नीचे बैठकर रोजगार की तलाश करते रहते हैं। कभी उनको काम मिलता है तो कभी खाली हाथ घर को वापस लौट जाते हैं। दिनभर मेहनत मजदूरी करने के बाद दो वक्त का खाना मुश्किल से मिल पाता है। इन मजदूरों के लिए सरकार ने कुछ दिनों पहले मजदूर दिवस पर मजदूरों का सम्मान किया था,और असंगठित मजदूरों के हित में रोजगार और बैठक की व्यवस्था करने की घोषणा भी की थी, जिसके बाद से अब तक ना ही रोजगार मिला ना ही इनके बैठक की कोई उचित व्यवस्था की हैं। सुविधा के नाम पर कैंटिन खोला गया है। जो सुबह दो घंटे तक बस खुला रहता है।

इस कैंटिन में मजदूरों को पहले 5रूपए में भरपेट भोजन मिलता था जो अब निगम और ठेकेदारों के विवाद के चलते दस रूपए कर दिया गया। कुछ लोगों ने ई-श्रमिक कार्ड भी बनवाया है। जिसके पास कार्ड हैं,उनसे दस रूपए निए जाते हैं। और जिनके पास ई-कार्ड नही उन मजदूरों से नास्ते के लिए 20 रूपए वसुला जाता है।  आरंग के मजदूर नेमीचंद का कहना है कि शहर के आसपास के गांवों से मजदूर रोजगार की तलाश में शहर में आते हैं। जंहा वो चावड़ी में बैठकर मजदूरी का इंतजार करते हैं कभी रोजगार मिलता है तो कभी खाली हाथ लौटना पड़ता हैं। बाहर से आये मजदूर दिनभर सडक़ किनारे बैठे रहते हैं। सरकार इन मजदूरों की सुध नही लेती है। रोज सुबह शहर के कई जगहों पर मजदूर चावड़ीं में काम की तलाश में आते हैं। दिन भर धुप बारिश की मार सहते हैं। इन असंगठित मजदूरों के लिए सरकार ने कोई इंतजाम नहीं  किया है न ही कही शैड बना न ही बैठक सरकार कर्मचारियों को वेतन, भत्ता देती है पर इन दिहाड़ी मजदूरों को पूछने वाला कोई नहीं है।

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