रायपुर
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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 जुलाई। रेलवे में नाइट ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के लिए नाइट ड्यूटी एलाउंस फिर से बहाल होने जा रहा है। वित्त मंत्रालय, डिर्पाटमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की मंजूरी के बाद अब रेल मंत्रालय ने भी नाइट अलाउंस बहाली पर अपनी मुहर लगा दी है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को ही रेलवे बोर्ड के संयुक्त सचिव वस्थापना (पी एंड ए) एनपी सिंह ने सभी जोनल रेलवे महाप्रबंधकों को इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया।
इसका लाभ मुख्य रूप से टिकट कलेक्टर एवं अन्य चेकिंग स्टाफ, लोको पॉयलट, गार्ड, रनिंग स्टाफ, कंट्रोलर, जूनियर इंजीनियर आदि पदों पर कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को मिलेगा, जो नाइट ड्यूटी भी करते हैं।
दरअसल, कोरोना के दौरान ही रेलवे द्वारा सितंबर 2020 में 43600 से ज्यादा वेतन पाने वाले रेलकर्मियों के नाइट अलाउंस पर रेल मंत्रालय द्वारा रोक लगा दी गई थी। पूर्व के इस आदेश में यह बात भी थी कि जिन्हें रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ते का भुगतान किया गया है, उसकी वसूली पहली जुलाई वर्ष 2017 से की जाए। इस निर्णय का कर्मचारी संगठन लगातार विरोध कर रहे थे।
नार्थ सेंट्रल रेलवे इंपलाइज संघ, मेंस यूनियन के साथ एआईआरएफ और एनएफआईआर के पुरजोर विरोध के बाद रेल मंत्रालय ने इस मांग को माना है। रेलवे द्वारा नाइट अलाउंस देने का फरमान भले ही जारी कर दिया हो लेकिन इसमें पिछला एरियर नहीं दिए जाने की भी बात स्पष्ट की गई है। बोर्ड द्वारा जारी पत्र में नाइट अलाउंस चार जुलाई 22 से ही प्रभावी माना जाएगा। इसे लेकर यूनियन नेताओं ने अपनी आपत्ति जताई है।उनका कहना है कि 43600 से ऊपर वेतन पाने वाले कर्मचारियों को भी बेसिक पे 43600 ही मानकर रात्रि भत्ता देने का आदेश पारित किया गया है। यह कर्मचारियों के साथ अन्याय है। यह भी कहा गया कि कर्मचारियों का एरियर जुलाई 2017 से दिया जाए।
जून में हुए आंदोलन की प्रमुख मांग थी
ऑल इंडिया लोको पायलट रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के प्रांतीय सेक्रेटरी आरके विश्वकर्मा ने कहा कि नाइट एलाउंस, जून में किए गए आंदोलन की प्रमुख मांग रही है रेलवे बोर्ड ने सैलरी स्लैब बढ़ाकर आदेश जारी किया है। वहीं रेलवे पीआरओ शिवप्रसाद ने कहा कि यह भत्ता पहले भी मिलता रहा है। इस पर कुछ स्लैब बढ़ाया गया है।