राजनांदगांव
घट रहा बैराजों का पानी, 62 से सीधे 22 हजार क्यूसेक छोड़ा जा रहा पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 अगस्त। सावन के आखिरी दिनों में मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों में अब भी उफान को बनाए रखा है। शिवनाथ की धार अब भी रफ्तार लेकर बौराई नजर आ रही है।वहीं श्हरी इलाके पानी से लबालब हो गए हैं।निचली बस्तियों के अलावा रिहायशी इलाके के घर भी पानी में डूबे हुए हैं। हालांकि बैराजों से छोड़े जारहे पानी में कमी आई है। बुधवार को 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। गुरुवार को पानी छोडऩे का आंकड़ा 22 हजार क्यूसेक तक नीचे आ गया। इससे शिवनाथ की रफ्तारमें मामूली फर्क पड़ा है। जिले में तेज बरसात होने से शिवनाथ समेत सहायक नदियां दो दिन पहले खतरनाक स्तर तक पहुंच गई थी। खतरे के निशान से ऊपर बहाव होने के कारण नदियों का पानी तटीय क्षेत्रों में बसे गांवों में घुस गया। वहीं शहरी इलाकों में भी तेज बरसात से घर घंटो पानी में डूबे रहे। राजनांदगांव शहर के चिखली इलाके के कई मकान पानी में डूब गए। गलियों में घुटनेभर पानी भर गया। निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने का खामियाजा शहरी बाशिंदों को भुगतना पड़ा है।
जिले में मूसलाधार बारिश होने के बाद शिवनाथ नदी एक बार फिर बौराई हुई है। शिवनाथ नदी का जलस्तर बढने से आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा घेरा बढ़ादिया गया है। लोगों को भी पुल से दूर रहने हिदायत दी जा रही है। शिवनाथ नदी का जलस्तर जहां बढ़ा हुआ है। वहीं दूसरी ओर लगातार बारिश से निचली बस्तियों के अंतर्गत आने वाले मोतीपुर, चिखली, शांतिनगर, बसंतपुर, रानीसागर के किनारे, कन्हारपुरी, लखोली सहित अन्य वार्डों में बारिश के पानी का जमाव होने से वार्डवासियों और रहवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके अलावा जिला अस्पताल परिसर और अन्य हिस्सों में बरसात का पानी का भराव हो गया था। जिससे मरीजों और उनके परिजनों के अलावा अस्पताल स्टॉफ को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।