कोण्डागांव
कोण्डागांव, 17 अगस्त। संतान की दीर्घायु व सुख-समृद्धि की कामना को लेकर बुधवार को हलषष्ठी का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महिलाओं ने व्रत रखकर शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की, कथा सुनी।
व्रतधारी महिलाओं ने बताया कि कमरछठ पूजा में जोड़ा तालाब (सगरी) बनाकर उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाकर पूजा-अर्चना की जाती है व हलषष्ठी की कथा सुनती हैं। इसमें छह तरह की भाजियां, पसहर चावल, काशी के फूल, महुआ के पत्ते, धान की लाई, सहित पूजा की कई छोटी-बड़ी पूजन की सामग्री है, जो भगवान शिव को अर्पित कर संतान की दीर्घायु जीवन की कामना की जाती है।
उक्त पूजा में पसहर चावल इस्तेमाल किया जाता है जो बिना हल जोते पैदा होने वाले पसहर चावल की पैदावार कम होने और पूजा में इसके महत्व के चलते यह सुगंधित चावल से दोगुनी-तिगुनी कीमत पर बिकता है। इसी तरह भैंस की दूध का पूजा में इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण पूजा सामग्री हैं, इसलिए दूध 1 हजार रुपये लीटर व दही 800 रुपये किलो पर बिक्री करते देखा गया।