राजनांदगांव
घरों में ठेठरी-खुरमी की महक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 27 अगस्त। छत्तीसगढ़ के लोक त्यौहारों में से एक पोला पर्व पर शनिवार को परंपरागत पूजा-अर्चना की गई। मिट्टी की नंदी जोड़े की पूजा कर त्यौहार का आगाज हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों और किसानों ने बैलों की साज-सज्जा कर पूजा-अर्चना की। छत्तीसगढ़ के प्रमुख लेाक त्यौहार में एक पोला पर्व को लेकर देहात क्षेत्रों में खासा उत्साह है। इधर पोला पर्व पर शहर के अलग-अलग इलाकों में दोपहर बाद बैल दौड़ और मेला का आयोजन किया जाएगा, जहां बच्चों से लेकर युवतियां और महिलाएं समेत अन्य वर्ग के लोग पहुंचेंगे।
इधर सुबह से पोला पर्व को लेकर घरों में खुशियां बिखरी रही। सुबह से ही घरों में पारंपरिक व्यंजन ठेठरी, खुरमी, चीला, भजिया समेत अन्य व्यंजन से मिट्टी के जाता-पोरा को भोग लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की गई। त्यौहार को लेकर बाजार में हलचल बढ़ी है। पोला पर्व पर आज सुबह भी परंपरागत मिट्टी से निर्मित बैल जोड़े की खरीदी-बिक्री बाजार में दिखी। लोग इस साल पर्व मनाने को लेकर काफी उत्साहित नजर आए। पोला पर्व का छत्तीसगढ़ की परंपरा में अलग महत्व है। पूजा-अर्चना के बाद बच्चे मिट्टी के नंदी को गलियों और रास्तों में दौड़ाते नजर आए। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी बच्चों की टोलियां भी रास्तों में मिट्टी के बैलों को दौड़ाया।