राजनांदगांव
राजनांदगांव, 18 सितंबर। भारतीय मजदूर संघ की ओर से शनिवार को भगवान विश्वकर्मा जयंती पर राष्ट्रीय श्रम दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
स्थानीय सीजे पटेल गोदाम में शनिवार को आयोजित समारोह को संबोधित करते पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विश्व में पूंजीवाद व साम्यवाद दोनों विचारधाराएं मृत्यु की कगार पर खड़ी हुई है। कभी देश व दुनिया में ऐसा लगता था कि पूरा संसार साम्यवादी विचारधारा को मानने लगेगा या फिर कभी ऐसा महसूस होने लगता था कि मानो पूरी दुनिया पंूजीवाद की विचारधारा में समा जाएगी।
वैचारिक युद्ध के उस दौर में देश के प्रख्यात चिंतक व विचारक दंत्तोपंत ठेंगड़ी ने एक नयी आर्थिक विचारधारा को जन्म देते 23 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ का गठन किया। मजदूर क्षेत्र तथा आर्थिक क्षेत्र में उन्होंने नई विचारधारा को जन्म दिया और उसी दौर में मान्यवार ठेंगड़ी ने यह भविष्यवाणी की थी कि देश और दुनिया में न पूंजीवाद होगा न साम्यवाद होगा और आज उनकी बातें शत-प्रतिशत सत्य हो रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि मजदूर कल्याण की जो योजनाएं अपने कार्यकाल में प्रारंभ की थी, वे आज भूपेश सरकार के जमाने में दम तोड़ती नजर आ रही है। भारतीय मजदूर संध के प्रदेश संगठन मंत्री योगेशदत्त मिश्रा ने कहा कि मजदूर क्षेत्र में भारतीय मजदूर संघ एक नई विचारधारा को लेकर आया। जिससे देश में मजदूरों के संघर्ष की स्थिति बदली।
समारोह के प्रारंभ में प्रांरभ में मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई। तत्पश्चात् कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के पश्चात मजदूरों ने एक विशाल रैली निकाली जो शहर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण करते महावीर चौक हनुमान मंदिर पहुंची, जहां सभा का आयोजन किया गया।
इस दौरान सुदर्शनदास मानिकपुरी, विष्णुदास साहू, नरेशराम साहू, गौतरिहाराम डेहरे, केशवराम सिन्हा, ठाकुरराम यादव, बल्लूराम साहू, सुमरन दास बंजारे, गोपीराम जांगड़े, रामखिलावन जांगड़े, गोपाल तारम, जयप्रकाश साहू, मीनूराम साहू, पुहुपदास साहू, पंचूराम सिन्हा, मीनाक्षी टेम्भुरकर, भानू यादव, अल्का बरसागढ़े, प्रतिमा मानिकपुरी, निर्मला साहू, चेतन साहू, लोकेश साहू सहित अन्य लोग शामिल थे।