महासमुन्द

छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं भाषा हमारी आत्मा है, हमें इसके विकास और समृद्धि के लिए सतत प्रयास करते रहना होगा-विनोद
24-Sep-2022 2:47 PM
छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं भाषा हमारी आत्मा है, हमें इसके विकास और समृद्धि के लिए सतत प्रयास करते रहना होगा-विनोद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 24 सितम्बर।
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की ओर से शुक्रवार को एक दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढ़ राजभाषा सम्मेलन का आयोजन शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार आयोजित हुआ। इस दौरान छत्तीसगढ़ी संस्कृति का मान बढ़ाने वाले साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं भाषा हमारी आत्मा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा, रीति रिवाज एवं व्यंजनों की सुगंध राष्ट्रीय स्तर पर पहुंची है। हमें इसके विकास और समृद्धि के लिए सतत प्रयास करते रहना होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल ने कहा छग के साहित्यकारों और कलाकारों ने प्रदेश का मान बढ़ाया है। महासमुंद के रचना शिल्प साहित्यकारों के लिए यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। पालिका अध्यक्ष राशि त्रिभुवन महिलांग, जिला अध्यक्ष भारत स्काउट गाइड दाऊलाल चंद्राकर, प्रो.डा.अनुसुइया अग्रवाल प्राचार्य, राजभाषा आयोग छग रायपुर के सचिव डा. अनिल कुमार भतपहरी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन में साहित्यकार किसान दीवान नर्रा बागबाहरा, रमेश सोनी बसना,श्रीराम साहू बसना, भागवत जगत भूमिल महासमुंद, धनराज साहू बागबाहरा,विश्राम यादव खल्लारी,हरजीत सिंह बंटी छत्तीसगढिय़ा, एसआर बंजारे, टेकराम सेन, आनंद तिवारी, सौरिन चन्द्रसेन, रुपेश तिवारी, पुरुषोत्तम दीवान व विद्याभूषण सतपथी को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की ओर से सम्मानित किया गया।
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