बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 30 अक्टूबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही राष्ट्रीय स्तर के सिकलसेल रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में स्थापित नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्रों का उद्घाटन करते हुए यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 28 जिलों में सिकलसेल प्रबंधन केन्द्र का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रदेश के 24 जिला अस्पतालों, नौ मेडिकल कॉलेजों तथा राजधानी रायपुर स्थित सिकलसेल संस्थान छत्तीसगढ़ में सिकलसेल की नि:शुल्क जांच, उपचार और परामर्श की सुविधा उपलब्ध हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस.सिंहदेव भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिकलसेल एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है। इस रोग से भावी पीढिय़ों को बचाने के लिए इस रोग के प्रति जागरूकता सबसे ज्यादा आवश्यक है। सिकलसेल के मरीजों की जल्द पहचान करने के बाद उचित चिकित्सकीय प्रबंधन व दवाओं से इसके शारीरिक दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है और रोगी लम्बी आयु का जीवन जी सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि रोगियों को उचित उपचार सरलता से उपलब्ध हो।
नानगुर और दरभा में भी प्रारंभ करेंगे यह सुविधा - रेखचंद
रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों के शुभारंभ कार्यक्रम का प्रसारण महारानी अस्पताल में भी किया गया। यहां संसदीय सचिव रेखचंद जैन, कलेक्टर चंदन कुमार, सिविल सर्जन डॉ संजय प्रसाद, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके चतुर्वेदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
बस्तर में सिकलसेल प्रबंधन केंद्र की सौगात मिलने पर संसदीय सचिव श्री जैन ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नानगुर और दरभा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में सिकलसेल जैसी बीमारी से लोगों को राहत दिलाने के लिए शीघ्र ही वहां भी इसी तरह की सुविधा प्रदान की जाएगी।