गरियाबंद

अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त, भाजपाईयों का जश्न
10-Dec-2022 3:11 PM
अविश्वास प्रस्ताव ध्वस्त, भाजपाईयों का जश्न

नपा अध्यक्ष गफ्फू मेमन की रणनीति से पार्षद रहे एकजुट

नपा: उपाध्यक्ष पद पर काबिज रहेंगे सुरेंद्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 10 दिसम्बर।
नगरपालिका उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके के विरूद्ध कांग्रेस पार्षदों द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार को ध्वस्त हो गया। भाजपा पार्षदों की एकजुटता के आगे कांग्रेस की रणनीति फेल हो गई। वे मतदान में एक तिहाई बहुमत नहीं जुटा सके।

वोटिंग में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत की जरूरत थी, लेकिन 8 ही मत पड़े, जबकि विपक्ष में 7 मत पड़े। तीन मत से अविश्वास गिर गया। यहां संख्या बल में कांग्रेस के पास 8 तथा भाजपा के पास 7 मत थे, कांग्रेस को 3 पार्षदों के समर्थन जुटाने की आवश्यकता थी लेकिन वह नाकाम रही।

भाजपा खेमे में खुशी की लहर
इधर, अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद भाजपा में खुशी का माहौल है। गिनती के बाद भाजपा पार्षदों ने गले मिलकर एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। नगर अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने नपा उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके को माला पहना कर उनका स्वागत किया और जीत की बधाई दी। इसके बाद सभी पार्षदों ने भी नपा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बधाई दी। जिसके बाद सभी ने पालिका भवन से बाहर निकलकर आतिशबाजी कर जीत की खुशी मनाई।

इसके पहले जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित समय के अनुसार सुबह 11 बजे नगर पालिका परिषद भवन में अविश्वास प्रस्ताव को प्रक्रिया शुरू हुई। अपर कलेक्टर अविनाश भोई निर्वाचन अधिकारी थे, उन्होंने प्रकिया शुरू कराई। पहले भाजपा कांग्रेस दोनों के पार्षदों ने अपनी अपनी बात रखी। जिसके बाद अविश्वास के लिए मतदान हुआ। मतदान के बाद तुरंत ही मतों की गिनती की गई। जिसमें अविश्वास प्रस्ताव  लाने वाले कांग्रेस पार्षदों  के पक्ष में 8 मत तथा विपक्ष में भाजपा के 7 मत पड़े। गिनती के बाद निर्वाचन अधिकारी ने अविश्वास प्रस्ताव गिरने की घोषणा की।

इधर पूरी प्रक्रिया के दौरान पालिका में काफी गहमागहमी रही। शांति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भवन के चारो तरफ पुलिस का चाक चौबंद पहरा रहा। ज्ञात हो की गत 24 नवंबर को कांग्रेसी पार्षदों ने नपा उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को ज्ञापन दिया था।

हम सब एक परिवार है ये जीत हमारी एकजुटता की है-  मेमन
इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन ने कहा कि यह हमारे एक जुटता की जीत हुई है। सभी पार्षद एकजुट है, संगठित है। नगर के विकास में लगातार प्रयासरत है। नगर के विकास को देखकर कांग्रेस बौखला गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक अमितेश शुक्ला के इशारों पर कांग्रेसी पार्षदों ने अपने नाकामी को छुपाने अविश्वास प्रस्ताव का  नाटकीय प्रपंच किया, लेकिन नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि पालिका के सभी पार्षद एकजुट है और सभी मिलकर विकास के लिए काम कर रहे हैं। जीत के बाद अब सभी मिलकर दुगुनी ऊर्जा के साथ गरियाबंद के विकास के लिए कार्य करेंगे।

कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद और निराधार- सुरेंद्र
जीत के नगर पालिका उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके ने कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद और निराधार थे। हम सब मिलकर पूरे नगर के विकास के लिए काम कर रहे हैं। कही कोई भेदभाव की स्थिति नहीं है। तीन साल में नगर का चहुंमुखी विकास हुआ हैं, आगे की भी कार्य योजना बनी हुई है। सच तो ये है की कांग्रेस ही विकास नहीं चाहती इसलिए रोड़ा अटका रही है।

भाजपा पर्यवेक्षक संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस अब निकाय तक की सत्ता के लालच में अविश्वास प्रस्ताव जैसे षड्यंत्र कर रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधायक अमितेश शुक्ल अब छोटी सस्थाओं में सत्ता हथियाने ऐसे हथकंडे अपना रही है, जो कि शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि भाजपा अनुशासित पार्टी है, सभी पार्षद एकजुट है। जिसके चलते कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है।

उल्लेखनीय है कि जब 2019 में नगरीय निकाय चुनाव हुए थे उस वक्त भाजपा ने नगरपालिका के 15 में से  8 वार्डों में जीत दर्ज की थी, वहीं 5 वार्डों में कांग्रेस और दो वार्डों में जोगी कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। तब भाजपा से जीते एक पार्षद ने सत्ता के लालच में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद भी दो जोगी कांग्रेस के दो पार्षदों के समर्थन से भाजपा अपना नगर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में सफल हुई थी। कालांतर में जोगी कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए। इस दौरान जोगी कांग्रेस पार्षदों ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके चलते नगरपालिका में कांग्रेसी पार्षदों की संख्या 8 (एक भाजपा बागी सहित) पहुंच गई है।

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