गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 17 दिसंबर। क्षेत्र में बदहाल शिक्षा व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 25 किमी दूर ग्राम कन्हारपारा शासकीय प्राथमिक शाला में पांच कक्षाओं का संचालन एक कमरे के भीतर किया जा रहा है।
इस विद्यालय में दर्ज संख्या 42 छात्र -छात्राओं की है और कक्षा पहली, दूसरी, तीसरी, चौथी तथा पांचवीं कुल पांच कक्षाएं एक कमरे के भीतर संचालित किया जा रहा है। पहली से लेकर पांचवी तक के बच्चे इधर- उधर मुंह करके पढ़ाई कर रहे हैं, और इन्हें दो शिक्षकों द्वारा एक ही समय में एक ही कमरे भीतर पढ़ाया जा रहा है।
शिक्षक डोमार पटेल ने बताया, एक कमरे में पांच कक्षाओं का एक साथ संचालन करने में बहुत दिक्कत हो रही है, पहली से पांचवी तक के बच्चे एक साथ पढ़ाई करते है। कई बार इस समस्या से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अवगत करा चुके है, लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत शोभा के आश्रित ग्राम कन्हारपारा में शासन द्वारा वर्ष 1997 में शासकीय प्राथमिक शाला प्रारंभ किया गया और वर्ष 2000 में नया भवन निर्माण किया गया, लेकिन स्कूल भवन बेहद जर्जर हो गया है। स्कूल के भीतर कक्षाएं संचालित करना किसी खतरे से कम नहीं था जिसके कारण बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सामुदायिक भवन में विद्यालय संचालन का फैसला जनभागीदारी समिति द्वारा लिया गया।
पिछले एक वर्ष से एक कमरे में पांच कक्षाएं संचालित हो रहा है। इस विद्यालय में दर्ज संख्या 42 है और दो शिक्षक पदस्थ है। बच्चों के लिए शौचालय व अन्य कोई सुविधाएं नहीं है।
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष केजूरा नेताम, हीरासिंह मरकाम, कंगालसिंह नेगी, अगनुराम यादव, रूपसिंह ओंटी, रघुवर नागेश, मनराखन मरकाम व ग्रामीणों ने बताया कई बार जर्जर स्कूल भवन मरम्मत की मांग कर चुके है, लेकिन शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया।
मैनपुर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी आरआर सिंह ने बताया कि कन्हारपारा प्राथमिक शाला बेहद जर्जर हो गया है, जिसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है।