राजनांदगांव

झारखंड के सम्मेद शिखर को वन अभ्यारण घोषित करने पर जैन समाज का विरोध
21-Dec-2022 6:29 PM
झारखंड के सम्मेद शिखर को  वन अभ्यारण घोषित करने पर  जैन समाज का विरोध

केंद्र और झारखंड सरकार से फैसला वापस लेने की मांग, सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 21 दिसंबर। झारखंड के गिरिडीह के मधुबन में स्थित मधुबन में सर्वोच्च जैन शास्वत तीर्थ सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषत करने के विरोध में स्थानीय जैन सकल समाज ने लोस अध्यक्ष ओम बिडला के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। समाज प्रमुख नरेश डाकलिय, खूबचंद पारख और पदम कोठारी समेत अन्य लोगों ने केंद्र और झारखंड सरकार से तत्काल निर्णय वापस लेने की मांग की है। समाज का कहना है कि 20 तीर्थकरों और अनंत संतो की मोक्षस्थली होने के कारण श्री सम्मेद शिखर जी का कण-कण प्रतिएक जैन के लिए वंदनीय है।  समाज के लोगों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नही किए जाने पर जैन संगठन 26 मार्च, 6 जून और 2 अगस्त 2002 को देशव्यापाी शांतिपूर्ण विरोध करेगा। स्थानीय जैन समाज के द्वारा विरोध जताने के लिए बकायदा रैली भी निकाली।

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