राजनांदगांव
छूट को नजर अंदाज करने की नीति से कर्मचारी अपने वेतन से बचत करने की मानसिकता से होगा विमुख
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 फरवरी। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी व प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे एवं जिला महामंत्री पीआर झाड़े ने केंद्रीय बजट 2023 पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 सी अंतर्गत छूट की महत्ता को दरकिनार करना कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए घातक साबित होगा।
कर्मचारी अपने वेतन से बचत करने की मानसिकता से विमुख होगा। निवेश को बढ़ावा नहीं मिलेगा, से देश की अर्थव्यवस्था का विकास प्रभावित होगा। इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 सी में 1.5 लाख रुपए तक इन्वेस्ट की गई राशि पर इनकम में छूट मिलता है। इस लिमिट को बढ़ाने से देश के लाखों कर्मचारी ज्यादा निवेश करता, जो कि देश की विकास में सहायक होता। केंद्रीय बजट 2016 से 2023 तक इसमें वृद्धि नहीं हुआ है।
फेडरेशन का कहना है कि कर्मचारियों से वार्षिक ग्रॉस (सकल) वेतन पर इनकम टैक्स लिया जाता है। जबकि 80 सी के कटौतियों के बाद उसे वह वेतन वास्तविक में नहीं मिलता है। इस दिशा में सुधार अपेक्षित था। केंद्रीय बजट 2023 में 7 लाख वार्षिक आय पर टैक्स नहीं लगने का खुलासा फेडरेशन ने किया है। यदि कर्मचारी का वार्षिक आय 7.5 लाख रुपए है। अब सकल वेतन से मानक कमी 50000 रुपए के बाद आय 7 लाख रुपए होगा। बजट 23 के टैक्स स्लैब के अनुसार 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। शेष 4 लाख में 3 लाख पर 5 प्रतिशत दर से 15000 रुपए टैक्स तथा शेष 100000 पर 10 प्रतिशत दर से 10000 रुपए टैक्स कुल 25000 रुपए टैक्स आएगा। संभवत: इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 87 ए में 25000 रुपए का छूट देकर टैक्स को शून्य किया गया है। उल्लेखनीय है कि इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 5 लाख रुपए तक के वार्षिक आय पर 12500 रुपए का छूट धारा 87 (ए) में प्रावधानित कर टैक्स को शून्य किया गया था। फेडरेशन का कहना है कि यदि 1 रुपए की वृद्धि हुआ तो कर्मचारी को 4 प्रतिशत अधिभार सहित 26000 रुपए टैक्स भुगतान करना होगा।
फेडरेशन ने बताया कि केंद्र में जुलाई 22 की स्थिति में 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता है, जो कि माह जनवरी 23 में ्रढ्ढष्टक्कढ्ढहृ 132.3 (अनुमानित) के आधार पर न्यूनतम 4 प्रतिशत वृद्धि के साथ 42 प्रतिशत संभावित है। जुलाई 2023 में यदि 3 प्रतिशत वृद्धि महंगाई भत्ता में होता है तो 7 प्रतिशत के वृद्धि के साथ 1 रुपए का वृद्धि निश्चित है।
18वीं लोकसभा चुनाव मई 2024 या इससे से पहले संभावित है। जिसके दृष्टिगत महंगाई भत्ता में जनवरी 2024 से पुन: 4 प्रतिशत वृद्धि हो सकता है। फेडरेशन का कहना है कि महंगाई भत्ता में वृद्धि के साथ टैक्स में वृद्धि होगा। बजट 2023 में प्रस्तावित नए स्लैब में टैक्स निर्धारण में कमी परिलक्षित हो रहा है, लेकिन सुपर रिच क्लास को सर्वाधिक लाभ मिला है। जितना अधिक आमदनी, उतना अधिक टैक्स बचत होता दिख रहा है।