राजनांदगांव
एक महामंत्री के आक्रमक रवैये से खफा होकर पद छोडऩे की चर्चा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 फरवरी। नगर निगम की विपक्षी भाजपा की सांगठनिक एकता में उस वक्त दरार पड़ गई, जब दो बार के पार्षद विजय राय ने पार्षद दल के महामंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। सार्वजनिक रूप से उन्होंने भले ही इस्तीफे देने की वजह अत्याधिक कार्य का बोझ के रूप में जाहिर की, लेकिन पार्टी के भीतर चल रहे घमासान के चलते ही राय ने इस्तीफा दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक वार्ड नं. 40 के पार्षद विजय राय की गुरुवार देर रात को सोशल मीडिया में भाजपा पार्षद दल के महामंत्री पद से इस्तीफा देने का एक पत्र वायरल हुआ। जिसके कारण पार्टी में खलबली मच गई। नगर निगम की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से भाजपा पार्षदों में मनमुटाव बढ़ा है। मौजूदा नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु के खिलाफ अंदरूनी रूप से असंतुष्ट भाजपा पार्षद मुहिम चला रहे हैं। कुछ दिनों पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से दर्जनभर असंतुष्ट खेमे के पार्षदों ने शिकवा-शिकायत की। इसके कुछ दिनों बाद राय ने इस्तीफा देकर एक तरह से भीतरी स्तर पर चल रही खींचतान पर मुहर लगा दी। इस संबंध में राय ने ‘छत्तीसगढ़’ से इस्तीफा देने की वजह पर प्रतिक्रिया देते कहा कि अत्याधिक कार्य बोझ के कारण इस्तीफा दिया है और कोई वजह नहीं है। इस बीच भाजपा पार्षदों में पार्टी के एक महामंत्री के अनावश्यक दखंलदाजी को लेकर असंतोष बढ़ा है। राय के इस्तीफा देने की वजह उक्त महामंत्री को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि राजनीतिक रूप से कुछ पार्षद नगर निगम की सियासत में संगठन के नेताओं की मनमर्जी बढऩे से नाराज हैं। नगर निगम में भाजपा विपक्षी दल की हैसियत से कई मुद्दों को लेकर शांत बैठी है। भाजपा पार्षदों को इस बात को लेकर आपत्ति है कि जनहित के मुद्दों पर कतिपय नेताओं के दखल के कारण पार्टी आवाज उठाने से परहेज कर रही है।
बताया जा रहा है कि भाजपा के एक वरिष्ठ पार्षद ने नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पूर्व सीएम के समक्ष दावा भी ठोंका है। चर्चा है कि पार्टी के भीतर चल रही उठापटक का मामला अजय जामवाल तक भी पहुंचा है। वहीं प्रदेश नेतृत्व को भी स्थानीय निकाय में चल रहे अंदरूनी कलह को लेकर जानकारी दी गई है।