राजनांदगांव
ऐतिहासिक रूप से सफल रहा आयोजन
राजनांदगांव, 4 मार्च। शहर के स्टेट स्कूल में सप्ताहभर तक आयोजित स्वदेशी मेला के अंतिम दिन लोगों की भीड़ उमड़ी। जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक रूप से सफल नजर आया।
स्थानीय स्टेट स्कूल में आयोजित स्वदेशी मेला का समापन 2 मार्च को हुआ। सात दिनों तक आयोजित मेला में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से लोककला एवं पारंपरिक नृत्य, संगीत, व्यंजन कला, रंगोली प्रतियोगिता, पेंटिंग, केश सज्जा जैसे अन्य आयोजन हुए। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छग शासन माटी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्रीकिशन खंडेलवाल ने कहा कि स्वदेशी अपनाकर हम छत्तीसगढ़ एवं देश को समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा भी कई वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। जिनका उपयोग हम सभी को करना चाहिए, ताकि वह समृद्ध बने और देश का पैसा देश में रहे।
स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री केशव दुगोलीया ने कहा कि मेले की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि ही उसकी पहचान होती है। जिसमें लोकल कलाकारों को मंच प्रदान करने से ही उन्हें मजबूती मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारा देश उत्सव का देश है, उसको मनाकर खुशी से जीवन बिताना भारतीय संस्कृति की पहचान है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में एबीस ग्रुप के डायरेक्टर बहादुर अली के बाहर होने के कारण उनका संदेश उनके प्रतिनिधि अंजुम अल्वी ने उद्घोषक शरद श्रीवास्तव को सौंपा। जिसमें बहादुर अली ने कहा कि लोकल फॉर वोकल को मजबूत करना ही स्वदेशी मेले का उद्देश्य है। उन्होंने मेले के आयोजकों को धन्यवाद देते कहा कि ऐसे आयोजन से ही स्थानीय उत्पाद प्रसिद्ध होते हैं और स्वदेशी से देश सशक्त होता है।
विशेष अतिथि कमल सॉल्वेंट के सुनील मुंदडा ने महात्मा गांधी के कथन को याद करते कहा कि वे कहा करते थे भारतीय रहिए और स्वदेशी अपनाईये, इसलिए हम सभी को स्वदेशी अपनाकर देश को समृद्ध बनाना चाहिए। समापन समारोह के विशेष अतिथि के रूप में रूपेश दुबे, मोहन पवार, सुमन मोथा, राजेश जैन, संतोष जैन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में जिले के विभिन्न उत्पादकर्ताओं का मोमेंटो देकर सम्मान किया गया। अंजुम अल्वी, सुनील मूंदड़ा, प्रफुल परमार, मनुमल मोटलानी, जितेंद्र गन्नसानी, भीमन धनवानी, जितेंद्र मोटलानी आदि शामिल हैं।
स्वदेशी मेला के प्रचार-प्रसार प्रभारी रवि सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम में एकता अग्रहरी द्वारा वंदे मातरम गीत प्रस्तुत किया गया। स्वागत भाषण विनोद डड्ढा ने दिया। भारतीय विपणन विकास केंद्र के सुब्रत चाकी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों के पीछे हमारी कोशिश स्वदेशी के संदेश को अधिकाधिक स्वीकार्य बनाना है।