राजनांदगांव

विशेष प्रार्थनाओं के लिए चर्चों में तैयारी शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मार्च। पाम संडे (खजूर दिवस) पर रविवार को शहर के चर्चो में प्रभु यीशु की धार्मिक जीवनकाल पर विशेष प्रार्थना की जाएगी। लोक मान्यता है कि सूली में चढ़ाए जाने से पूर्व प्रभु ईसा मसीह ने पाम संडे के दिन यरूशलम में प्रवेश किया था। उनके आगमन पर लोगों ने खजूर की डाल सजाकर उनका स्वागत किया था।
पांम संडे पर प्रार्थनाएं करने शहर के वेसलियन, मेन्नोनाईट, मार्थोमा तथा गौरीनगर स्थित मसीही चर्च समेत अन्य चर्चों में विशेष प्रार्थनाओं के लिए समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इसकी तैयारी चर्चों में की जा रही है। मसीही समाज लगभग डेढ़ माह से इन दिनों प्रभु यीशु के बलिदान के स्मृति में कठिन व्रत कर रहा है। ईसाई धर्माविलंबी प्रभु यीशु के जीवन पर आधारित धार्मिक प्रवचनों को सुनने चर्चो में जुट रहे हैं। पाम संडे के अवसर पर चर्चो में फादर और पास्टरों द्वारा विशेष धार्मिक व्याख्यान भी देंगे। पवित्र धार्मिक किताब बाईबिल में पाम संडे को खास दर्जा दिया गया है। रविवार को सुबह गिरजाघरों में भक्तिमय गीत-संगीत का आयोजन किया जाएगा।
7 को गुड फ्राईडे पर याद किए जाएंगे प्रभु, 9 को इस्टर की रहेगी धूम
अगले माह 7 अप्रैल को प्रभु यीशु को सूली में चढ़्ाए जाने की घटना को नमन करते हुए ईसाई समुदाय गुड फ्राईडे पर चर्चों में विशेष सभाओं में जुटेगा। प्रभु ईसा मसीह के पुर्नजन्म होने की अलौकिक घटना को ईस्टर पर्व के रूप में 9 अप्रैल रविवार को मनाएगा। इससे पहले शुक्रवार को प्रभु यीशु को सूली में चढ़ाए जाने पर चर्चो में विशेष धार्मिक सभा होगी। इस दिन को गुड फ्राईडे के रूप में माना जाता है। बाईबिल में गुड फ्राईडे के दिन को प्रभु यीशु को सूली में चढ़ाए जाने की घटना को अद्भुत बताया। वहीं घटना के एक दिन बाद रविवार को प्रभु यीशु के दोबारा जन्म का भी बाईबिल में जिक्र है। यही कारण है कि समाज ईस्टर पर्व को पूरे धूमधाम से मनाता है। क्रिसमस के बाद मसीही समुदाय के लिए यह दिन खुशियां बांटने का खास अवसर होता है।