कोण्डागांव

गौठान में आजीविका गतिविधियों से महिलाओं को मिल रही आर्थिक मजबूती
27-May-2023 10:05 PM
गौठान में आजीविका गतिविधियों से महिलाओं को मिल रही आर्थिक मजबूती

   वर्मी खाद बेचकर समूह ने कमाये एक लाख 37 हजार   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 27 मई।
शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना अब आमजनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने वाली योजना बन गई है। इस योजनांतर्गत पशुपालकों को गोबर विक्रय से एक ओर अतिरिक्त आमदनी मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण एवं विक्रय ने महिलाओं को स्वरोजगार का नया जरिया दिया है। जिले के गौठानों में संचालित आजीविकामूलक गतिविधियों से स्व सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा गया है, कभी घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने वाली ये महिलाएं आज दूसरों को लिए प्रेरक बन गयी हैं। महिलाएं अपनी सफ़लता की कहानी स्वयं बताते हुए कहती हैं कि गौठान में आजीविका मूलक गतिविधियों ने उनकी जिंदगी बदल दी है, आर्थिक रुप से मजबूत होकर सक्षम होना बहुत ही सुखद अनुभव है।

ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है कोण्डागांव ब्लॉक के राजागांव के मां वैष्णवी महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं, जो निरंतर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का कार्य कर रहीं हैं। उक्त समूह  की महिलाएं गौठान में गोबर खरीदी का काम भी करती हैं और वर्मी कंपोस्ट खाद उत्पादन के साथ ही दोना-पत्तल बनाने का कार्य कर रही हैं।

 मां वैष्णवी महिला स्व सहायता समूह की दीदी कुंती नेताम बताती हैं कि शासन की मदद से उनके समूह के 10 महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल गया है जिससे घर-परिवार के कार्यों के साथ इन आयमूलक गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित कर रहे हैं। समूह द्वारा 2019 से वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने अब तक कुल साढ़े 3 लाख रुपए का वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचकर एक लाख 37 हजार रुपए का लाभ प्राप्त किया है। वहीं इस वर्ष जनवरी में शुरू किये दोना-पत्तल निर्माण से अब तक विक्रय कर 7 हजार रुपये आमदनी हुई है। 

कुंती नेताम बताती हैं कि वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन से मिली राशि से अपने स्वयं के लिए सोने के गहने खरीदी है। इसके साथ ही घर की जरूरत अनुरूप कपड़े, बर्तन इत्यादि में खर्च किये। कुंती नेताम अपने समूह के कार्य से खुश होकर कहती हैं कि वे अब अपने बेटे प्रतीक की पढ़ाई पर ध्यान दे रही हैं। 

समूह की अध्यक्ष ममता बच्चड ने बताया कि दोना-पत्तल बनाकर स्थानीय ग्रामीणों को शादी-ब्याह, नामकरण संस्कार सहित अन्य सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए विक्रय करते हैं। इसके साथ ही दुकानों से आर्डर मिलने पर उन्हें भी विक्रय कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट खाद की लाभांश राशि से घर की जरुरतों को पूरा करने में मदद मिली है। इसी प्रकार समूह की अन्य महिलाओं के जीवन में भी गौठान गतिविधियों के द्वारा खुशहाली आने के फलस्वरूप ये सभी महिलाएं अपनी आयमूलक गतिविधियों को और बेहतर तरीके से संचालित करने कृतसंकल्पित हैं।

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