बीजापुर
सलवा जुडूम के बाद सडक़ों पर हो गया नक्सलियों का कब्जा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 2 जून। जिले का व्यापारिक ब्लॉक उसूर नक्सलियों के दंश के चलते पिछले 2 दशकों से यानी 20 वर्षों से देश दुनिया से कटा हुआ सा हैं। क्योंकि इस क्षेत्र के ग्रामीणों को वर्षों से सडक़ उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। सडक़ मार्ग नहीं होने से पड़ोसी राज्य तेलंगाना की दूरी चार गुनी हो गई हैं।
ज्ञात हो कि जिला मुख्यालय बीजापुर से चेरला तक व्हाया आवापल्ली उसूर पुजारीकांकेर होते हुए तथा मद्देड से एंगपल्ली, संकनपल्ली, इलमीड़ी, आवापल्ली, उसूर, पुजारी कांकेर होते हुए चेरला (तेलंगाना) के लिए यात्री बस चला करती थी। स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक कभी यह क्षेत्र गुलजार हुआ करती थी। वर्तमान में पड़ोसी राज्य तेलंगाना जो पहले आँध्रप्रदेश हुआ करता था। वहां के लोग यहां सुगमता से व्यापार करने आया करते थे।
व्यपारिक लेन देन के साथ धीरे-धीरे वहां के लोगों का इस क्षेत्र के लोगों के साथ रोटी बेटी का रिश्ता हो जाता था। लेकिन सलवा जुडम अभियान शुरू होने के बाद यह क्षेत्र लोगों के लिए अभिशप्त बन गया। सडक़ों पर नक्सलियों ने कब्जा कर लिया।
बताया जाता है कि उसुर होकर तेलंगाना जाने में जहां पचास किलोमीटर लगता था। वहीं अब उसूर से तेलंगाना जाना के लिए लगभग 180 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अविभाजीत मध्यप्रदेश शासन काल में दो बसें चलती थी। जिससे स्थानीय लोगों को सफर करने में आसानी होती थी, लेकिन लाल आतंक के दशहत ने इस क्षेत्र को फिर से पीछे धकेल दिया।
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से सडक़ न होने की बाट जोह रहे। अब देखना यह है कि प्रशासन इस ओर ध्यान देती है या महज आश्वासन। वहीं दूसरी तरफ बीजापुर कलेक्टर राजेन्द्र कटारा का कहना है कि ग्रामीण की मांग पर सडक़ निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आने वाले साल तक ग्रामीणों के लिए यातायात सुविधा बहाल कर दी जाएगी।