महासमुन्द

भगवान विष्णु 148 दिन के लिए योग निद्रा में, मांगलिक कामों पर विराम लगा
30-Jun-2023 3:28 PM
भगवान विष्णु 148 दिन के लिए योग निद्रा  में, मांगलिक कामों पर विराम लगा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,30 जून। गुरुवार को देेवशयनी एकादशी के साथ पूरे 148 दिन के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले गए हैं। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। भगवान विष्णु आगमी 23 नवम्बर को देवउठनी के साथ जागेंगे। इसके बाद फिर से मांगलिक कार्य शुरु होंगे।

गुरुवार को बाहुड़ा यात्रा समाप्त होते ही देवशयनी एकादशी के साथ जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु योग निद्रा में चले गए हैं। ऐसे में अब मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया है। इस बार सावन के दो महीने यानी अधिक मास की वजह से भगवान 4 की बजाए 5 माह योग निद्रा में रहेंगे। इन पांच महीने में त्योहारों की झड़ी रहेगी। इस बार 5 माह का चातुर्मास होगा। इसके साथ ही भक्त अब 5 माह शिव परिवार की भक्ति में लीन रहेंगे।  दीपावली के बाद तुलसी शालीग्राम विवाह के बाद 23 नवम्बर से पुन: मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश होगा।

नगर पंडित पंकज तिवाारी के अनुसार कल देवशयनी एकादशी पर श्रद्धालुओं ने व्रत रख कर भगवान विष्णु और शिव की पूजा.आराधना की। देवशयनी के इन 5 माह में भक्ति, भजन, प्रवचन आदि अनुष्ठान तो होंगे। लेकिन सगाई, विवाह, जनेऊ, मुंडन, देव प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस अवधि को चातुर्मास भी कहते हैं। इस अवधि में सावन, हरियाली अमावस्या, गुरु पूर्णिमा, रक्षा बंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, गणेशोत्सव आदि कई बड़े पर्व आएंगे।

इस साल देवशयनी एकादशी 29 जून को और देव उठनी एकादशी 23 नवंबर को है। इस तरह भगवान 148 दिन यानी करीब पांच महीने योग निद्रा में रहेंगे। भगवान विष्णु को जगत का पालनहार माना जाता है। शुभ और मांगलिक कामों के लिए उनका जागृत अवस्था में रहना जरूरी होता है। इसलिए देव शयनी एकादशी से देव उठनी एकादशी तक मांगलिक कार्य बंद रहते हैं।

पंडित तिवारी के मुताबिक चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु के योग निद्रा में रहने पर सृष्टि की सत्ता चलाने की जिम्मेदारी भगवान शिव के पास रहेगी। इसी दौरान श्रावण मास आएगा और एक माह उनकी विशेष पूजा होगी। चातुमांस के दौरान ही भादो मास में भगवान विष्णु और शिवजी की एक साथ पूजा होगी।

 

चातुर्मास के दौरान आने वाले त्योहार जन्माष्टमी में श्रीकृष्ण पूजा से अनंत चतुदर्शी तक भगवान गणेश पूजे जाएंगे। इस त्योहारी सीजन में पितृ पक्ष और फिर नवरात्रि, दशहरा और शरद पूर्णिमा पर्व रहेंगे। इसके बाद करवा चौथ, दीपावली और देवउठनी एकादशी रहेगी।

बाहुड़ा यात्रा: रथ खींचने उमड़े भक्त

नौ दिन मौसी के घर विश्राम के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र तथा बहन सुभद्रा की बाहुड़ा यात्रा गुरुवार शाम जगन्नाथ भवन सुभाष नगर से बाजे-गाजे के साथ निकली। उत्साहपूर्ण माहौल में छत्तीसगढ़ करण महंती समाज, तारिणी महिला मंडल व महंती युवा मंच के तत्वावधान में यह यात्रा निकाली गई। जगन्नाथ भवन से प्रारंभ होकर यह यात्रा मेघ वसंत कॉलोनी, कांग्रेस भवन, सदर मार्केट से होते हुए श्री रामजानकी मंदिर पहुंची। रास्ते भर श्रद्धालुओं को गजामूंग का प्रसाद वितरण किया गया।

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