महासमुन्द
कहा-कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 30 जून। भाजपा के महासंपर्क अभियान के लिए महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और कांकेर लोकसभा क्षेत्र के प्रभारी का दायित्व सम्हाल रहे पूर्व मंत्री चंद्रशेखर साहू कल शंकराचार्य भवन में आहुत पार्टी के लाभार्थी सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि पीएससी घोटाला, बेरोजगारी भत्ता में छलावा, शराबबंदी और केंद्र की जन कल्याणकारी योजनाओं को छग में रोके जाने जैसे अनेक मुद्दे को लेकर भाजपा जनता के बीच जा रही है। भाजपा संगठन के कार्यक्रमों के तहत बीते कुछ दिनों से भाजपा कार्यकर्ता जनता के बीच पहुंच रहे हैं। पूरे प्रदेश कांग्रेस के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। श्री साहू ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। श्री साहू ने कहा कि भ्रष्टाचार व घपलेबाजी बढ़ी है, इसलिए ईडी व आईटी की कार्रवाई बढ़ी है।
उन्होंने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि अपने प्रभार क्षेत्र की पांचों लोकसभा दौरा पूरा कर लिया है। सामने विधानसभा चुनाव है और उसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव हमारा लक्ष्य है। कहा कि पीएससी घोटाला, शराबबंदी, बेरोजगारी भत्ता को लेकर प्रदेश के बेरोजगारों से छलावा, प्रशासन से लेकर सरकार में भ्रष्टाचार, पीएम आवास योजना जैसी अनेक योजनाओं को छग में रोककर हितग्राहियों को नुकसान पहुंचाने जैसे अनेक मुद्दों को लेकर पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता जनता के बीच जा रहे हैं। जनता के बीच धीरे-धीरे ये सब बातें जा रही है और कांग्रेस सरकार के विरोध में जनमत बनता दिख रहा है।
श्री साहू ने कहा कि देश और समाज में तरह-तरह की घटनाएं होती रहती हैं। इन घटनाओं को लेकर विरोधी वातावरण बनाने की कोशिशें करते हैं। उन्होंने कहा कि एक देश में दो कानून भला कैसे चल सकते हैं। इस पर राष्ट्रीय सहमति बननी चाहिए। भाजपा कहती है पहले राष्ट्र फिर पार्टी। ईडी और आयकर विभाग का विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ इस्तेमाल तथा खुलकर दुरुपयोग के विपक्षी आरोपों पर श्री साहू ने कहा कि देश में श्भ्रष्टाचार और घपलेबाजी कुछ सालों में बढ़ी है। इसलिए इन स्वतंत्र एजेंसियों की सक्रियता भी बढ़ी है। कर्नाटक में भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 2800 रुपए प्रति क्विंटल दाम देने की बात कही है। भाजपा धान का तोड़ लाने की तैयारी में है। बीते कुछ सालों में लागत बढ़ी है। इसलिए धान की लागत के हिसाब से धान के दाम होने चाहिए। पूर्व मंत्री श्री साहू ने कहा कि पार्टी की सरकार बने इसके लिए हम परिश्रम कर रहे हैं। आगे भी करते रहेंगे। बाकी पार्टी का निर्णय सर आंखों पर।