बीजापुर
छग-महाराष्ट्र बार्डर के कोंडामौसम में लगे फांदा में फंस कर मरा था बाघ, 6 अब भी फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 4 जुलाई। जिले के इंद्रावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ की हत्या के मामले में पकड़े गए मुख्य शिकारी ने पूछताछ में कई राज उगले है। जिस बाघ की खाल पकड़ी गई है। चर्चा है कि सीआरपीएफ के जवान ने 13 लाख रुपये में सौदा किया था। खाल की डिलीवरी से पहले उसने बतौर एडवांस 7.50 लाख दे दिए थे। खाल की डिलीवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया।
सोमवार को आईटीआर की टीम ने कोंडामौसम गांव पहुंचकर वहां जमीन में गाढ़ कर रखी गई बाघ की हड्डियां और जिस फंदा में फंस कर बाघ की मौत हुई, उस फांदे को बरामद कर लिया है।
बाघ का खाल खरीदने के मामले में सीआरपीएफ जवान का नाम सामने आने बाद हडक़ंप मच गया है। इससे पहले इस मामले में दो पुलिस वालों के नाम भी सामने आ चुके हैं।
इस संबंध में इंद्रावती टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक गणवीर धम्मशील ने बताया कि सीआरपीएफ के आला अधिकारियों से संपर्क कर फरार जवान की विस्तृत जानकारी मंगाई गई है।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि बाघ की हत्या के बाद इसकी खाल को खरीदने का सौदा बीजापुर में तैनात एक सीआरपीएफ जवान ने किया था। बाघ के खाल का सौदा 13 लाख रुपये में तय हुआ था। इसके लिए जवान ने बाघ का शिकार करने वालों को साढ़े 7 लाख रुपये दो अलग-अलग पार्ट में दे दिए थे। लेकिन खाल की डिलवरी होने से पहले ही इस मामले का खुलासा हो गया।
इस मामले में जिस जवान का नाम आ रहा है वो अभी दिल्ली में है। ऐसे में वन विभाग की ओर से सीआरपीएफ को पूरी जानकारी दे दी गई है और जवान को बीजापुर बुलाने कहा गया है।
इस मामले में एक और नया खुलासा भी हुआ है। सोमवार को पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि बाघ भोपालपटनम के कोंडामौसम गांव के नदी किनारे लगे फांदा में फंसा था। यह गांव टाइगर रिजर्व एरिया में छग व महाराष्ट्र बार्डर पर पड़ता है।
फंदे को मुख्य शिकारी तुलसीराम दुब्बा ने जंगली जानवरों को पकडऩे लगाया था। इस फंदे में बाघ की गर्दन फंसने से उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद तुलसीराम के साथ देपला, काण्डला, भट्टिगुडा व कोंडामौसम के गणेश, रमेश सुबैय्या से श्रवण झाड़ी व टिंगे ने खाल की डील की और सीआरपीएफ के एक जवान ने तुलसीराम को खाल खरीदने 7.50 लाख रुपये एडवांस दे दिए। श्रवण, सीआरपीएफ जवान व सीताराम, समैया, महेंद्र व संतोष अभी भी पकड़ से बाहर है। सूत्रों के मुताबिक इनके पकड़े जाने के बाद कुछ और खुलासे हो सकते हैं।
बाघ की हड्डियां बरामद, जांच के लिए जबलपुर भेज रहे
इधर, सोमवार को मुख्य शिकारी तुलसीराम की निशादेही पर आईटीआर की टीम कोंडामौसम गांव पहुंची। टीम के गांव पहुंचते ही गांव के लोग नदी के पार भाग गए।
इसके बाद तुलसी की निशानदेही पर यहां जमीन में गढ़ा कर रखे बाघ के चारों पैरों की हड्डी, सिर की हड्डी व जिस फांदा में फंस कर बाघ की मौत हुई, वह फांदा बरामद कर लिया गया हैं। विभाग बरामद की गई हड्डियों को फॉरेंसिक टेस्ट के लिए जबलपुर स्थित लैब भेजने की तैयारी कर रही है।