राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 जुलाई। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगडी दौड, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा), बिल्लस, फुगडी, गेडी दौड आदि जो अब प्रदेश से विलुप्त हो गए थे, जिसे फिर से जीवित करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक आयोजित करने का निर्णय लिया और गत वर्ष आयोजित पहला छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का अच्छा प्रतिसात मिला। उक्त उदगार महापौर हेमा सुदेश देशमुख ने राजीव युवा मितान क्लब द्वारा चिखली व नंदई में आयोजित छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के अवसर पर दिए।
महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि इस वर्ष यह आयोजन छत्तीसगढ़ के प्रथम तिहार हरेली से प्रारंभ किया जा रहा है। 6 स्तर पर आयोजित छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के प्रथम स्तर पर राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर गॉव एवं शहरों में ओलंपिक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें महिला, पुरूष एवं बच्चे उत्साह से भाग लेकर छत्तीसगढ़ी खेल गेड़ी, कबड्डी, कुर्सी दौड़, नारियल फेंक, रस्साकसी खेल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि आज आयोजित कार्यक्रम को देखने से नही लगता कि हमारे पारंपरिक खेल लुप्त हो गये थे। लोगों में चाहे वे महिला पुरूष बच्चे क्यों न हो उत्साह से भाग लेकर खेल का प्रदर्शन कर रहे है। सभी खिलाडिय़ो को मैं बधाई और शुभकामनाएं देती हूॅ।
आयोजन की कड़ी में गत दिनों चिखली एवं नंदई में छत्तीसढिय़ा ओलंपिक का आयोजन किया गया। आयोजन में खिलाडियों का उत्साहवर्धन करने महापौर हेमा देशमुख जन प्रतिनिधियों से साथ उपस्थित हुई और उन्होंने प्रतिभागियों के साथ खेल का प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम में चिखली व नंदई के राजीव युवा मितान क्लब के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व संरक्षक ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।