राजनांदगांव
पुलिस को सूचना देने के बाद जिला प्रशासन से न्याय की गुहार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जुलाई। लोगों को शराब पिलाने के झूठे आरोप में गांव से बहिष्कृत व हुक्कापानी बंद कराने के निर्णय से आहत होकर एक परिवार ने तुमड़ीबोड पुलिस को जानकारी दी। वहीं कोई कार्रवाई नहीं होने पर उक्त परिवार ने जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने जिला कार्यालय पहुंचा।
डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम तिलईरवार के रहने वाले विकास सिंह ने बताया कि वह गांव में अंडा-मुंगौड़ी का ठेला चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है।
23 जुलाई को गांव की बैठक में विकास सिंह को लोगों को शराब पिलाने के झूठे आरोप में गांव से बहिष्कृत व हुक्कापानी बंद करने का निर्णय लिया गया। यह झूठे आरोप गांव के ही देवनारायण मरकाम द्वारा लगाए गए कि खमेरा निवासी विष्णु साहू को उसने ठेले पर शराब पिलाई। जबकि उसके पास इसका कोई सबूत नहीं मिला तो झूठे आरोप लगाने के एवज में गांव वालों ने देवनारायण को 11 हजार रुपए दंड लगाया, लेकिन मेरे द्वारा शराब पिलाए जाने को सिद्ध न हो पाने पर भी ग्राम समिति अध्यक्ष खोरबाहरा राम यादव, केजू वर्मा, घासुराम साहू, भुनेश्वर साहू, अलखराम साहू, गंगादास बंजारे और सालिकराम धनकर के कहने पर ग्राम मुनादी कोटवार विनोद कुमार द्वारा कराया गया कि मुझे गांव से बहिष्कृत किया जाए व हुक्कापानी बंद कराया जाए।
विकास ने बताया कि इसकी जानकारी लिखित रूप से 24 जुलाई को तुमड़ीबोड पुलिस चौकी में दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। विकास ने बताया कि गांव वालों के फरमान के बाद मेरे ठेले पर कोई भी ग्राहक नहीं आता और जो दो लोग बुधराम गोड और मुरली धनकर ने मेरे ठेले पर मुंगोली खाई, उन्हें भी दंड लिया गया। विकास ने जिला प्रशासन से उक्त मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।