बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 29 जुलाई। गुरुवार की रात बाढ़ ने धर्मारम गांव के तीन दर्जन घरों को अपने जद में लेकर काफी तबाही मचाई हैं। घरों के डूबने से ग्रामीण दूसरे जगह पर शरण लिए हुए हैं। गांव की ही एक बुजुर्ग महिला की बीमारी के चलते मौत हो गई।
जिले के उसूर ब्लॉक के अंतिम छोर पर बसे पामेड़ से लगे धर्मारम गांव के सरपंचपारा में 30 से 40 घर बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। अब इन घरों के ग्रामीण बचे खुचे सामानों को लेकर पास के पटेलपारा में शरण लिए हुए हैं। गांव के चारों ओर पानी भरा होने से मार्ग अवरुद्ध है। इसके चलते ग्रामीणों तक राहत नहीं पहुंच पा रहा है।
उसूर तहसीलदार फानेशवर सोम ने बताया कि उनके पास भी वीडियो व फोटोग्राफ के माध्यम से धर्मारम गांव के 30 से 40 घरों के डूबने की जानकारी मिली हैं। उन्होंने बताया कि चिंतावागु व तालपेरू नदी में बाढ़ आने से वहां के बैक वाटर से धर्मारम गांव में पानी घुसा और वहां घरों को नुकसान पहुंचा।
तहसीलदार ने बताया कि सभी तरफ से रास्ते बंद होने की वजह से वहां पहुंचा नहीं जा सका हैं। उन्होंने बताया कि रिलीफ टीम को पामेड़ से होकर धर्मारम भेजा जा रहा हैं।
वहीं धर्मारम ग्राम पंचायत के सचिव केजी राजकुमार ने बताया कि धर्मारम के सरपंच पारा व पूजारीपारा में गुरुवार को तालपेरु व चिंतावागु के बाढ़ का पानी घरों में घुसा हैं। 8 से 10 मकानों को क्षति हुई हैं। सचिव राजकुमार ने बताया कि धर्मारम में 164 मकान हैं। वहां की जनसंख्या 557 हैं। सचिव ने बताया कि सरपंच पारा के प्रभावित पटेलपारा में रुके हुए हैं।
उन्होंने बताया कि धर्मारम गांव की एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुंडी मल्ली की भी मौत बीमारी के चलते हो गई है। बाढ़ होने से बीमार महिला समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकी और उसकी मौत हो गई। सचिव ने बताया कि धर्मारम से लगे चिंतावागु, तालपेरु व छोटा नाला नाम की नदी पड़ती हैं। अभी ये तीनों ही जगहों पर पानी भरा हुआ है। जिसके चलते धर्मारम तक पहुंच पाना मुश्किल हैं।