महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 4 अगस्त। पिछले दो तीन दिनों से अंचल में खूब बारिश हो रही है। भारी बारिश से अंचल के तालाब, नदी, नाले आदि लबालब भर गए हैं। कई सडक़ें, मोहल्ले सहित कई गलियों में पानी भरा हुआ है। लगातार बारिश से लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त है।
बारिश के चलते दुकानदारों का व्यवसाय भी काफी प्रभावित हुआ है। स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों सहित शासकीय अशासकीय कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी भी बारिश के कारण परेशान दिखे। स्कूलों में तो अन्य दिनों की अपेक्षा विद्यार्थियों की संख्या भी बहुत कम रही। कहीं-कहीं लगातार बारिश के कारण पेड़ गिरने की भी घटनाएं देखी गई। काफी देर तक ऐसे जगहों पर यातायात बाधित रहा। खेतों, तालाबों में सपाट पानी भर गया है। नाले भी उफ ान पर हैं।
मानसून के चलते जिले में पिछले दिनों से हो रही बारिश से संभावित अतिवृष्टि, नदी नालों के उफान तथा बाढ़ की स्थिति निर्मित होने की वजह से लोगों की जान की सुरक्षा के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता एवं तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश कलेक्टर प्रभात मलिक ने संबंधित अधिकारियों को दिए हंै।
नदी,नालों, पुराने पुल-पुलिया को पार करते समय एहतियात बरतेंं-कलेक्टर
कलेक्टर प्रभात मलिक ने जिलेवासियों से अपील की है कि नदी,नालों, पुराने पुल-पुलिया आदि को पार करते समय एहतियात बरतें। इसके साथ ही आपदा की जानकारी मिलने पर जिला स्तरीय बाढ़ कन्ट्रोल रूम 07723.223305 में इसकी सूचना दें। यह कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम कर रहा है। महासमुंद जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से कल 3 अगस्त तक 646 मिलीमीटर औसत वर्षा रिकॉर्ड की गयी है जो कि आज तक की वर्षा का औसत वर्षा से 111 प्रतिशत है।
कलेक्टर श्री मलिक ने जन सामान्य से कहा है कि वे अपने शहर या गांव में बाढ़ की संभावना और विगत वर्ष में बाढ़ के सबसे उच्च स्तरों को ध्यान में रखें। अपनी बहुमूल्य वस्तुओं और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखें। अपने नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य तथा सहायता केन्द्र की जानकारी रखें। आपातकालीन किट तैयार करें। जिसमें सूखा खाद्य पदार्थ, पेयजल, आवश्यक दवाएं, रेडियों, टॉर्च, जरूरी कागजात, आपात दूरभाष नम्बर सूची, मोमबत्ती, माचिस, रस्सी आदि शामिल हों,रखें और इसके उपयोग हेतु चालू हालत में रखें।
बाढ़ की संभावना को देखते हुए पालतू जानवरों को पहले से ही सुरक्षित तथा ऊंचे स्थानों पर भेज दें या जल स्तर बढ़ रहा हो, तो उन्हें खुला छोड़ दें। बाढ़ की चेतावनी मिलने पर उसका पालन करें। अपने पड़ोसियों को सूचित करें तथा सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर चलें जाएं। यदि स्थान छोड़ रहे हैं, तो अपने साथ आपाकालीन किट जरूर ले जाएं। घर छोडऩे से पहले बिजली का मुख्य स्विच, गैस और पानी के नलों को बंद कर दें एवं मित्रों व रिश्तेदारों को अपने प्रस्थान की जानकारी दें। पुलिस और दमकल अधिकारियों के अनुदेशों का पालन करें व उन्हें सहयोग दें। आपकी सुरक्षा उनका ध्येय है। उबाला हुआ या क्लोरीन की टेबलेट से साफ किया हुआ पानी पियें। सांप, विषधर प्राणियों से बचकर रहें। प्राय: बाढ़ के समय सांप के काटने की घटनाएं होती है। नवीनतम जानकारी हेतु स्थानीय मौसम और समाचार रिपोर्टों को सुनें। अपने आसपास वातावरण को साफ एवं स्वच्छ रखें।
कलेक्टर ने कहा है कि स्वच्छ पेयजल ही पिएं और उससे ही भोजन पकाएं। बाढ़ के पानी के सम्पर्क में आया हुआ खाद्य पदार्थ न खायें। बाढग़्रस्त क्षेत्र में न जाएं तथा वाहन चलाने से बचें। मदद के बिना बाढ़ के पानी में न जाएं, बच्चों को बाढ़ के पानी के पास खेलने ना दें। बिजली उपकरणों का प्रयोग न करें,जो बाढ़ के पानी में भीगे हों। अफवाहें न फैलाएं और न ही उन पर ध्यान दें।