राजनांदगांव
त्यौहारी सीजन में पूजन सामग्री के दाम पर महंगाई का असर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 अगस्त। त्यौहारी सीजन में पूजन सामग्रियों के दाम पर महंगाई का छाया साफ तौर पर दिख रहा है। बेभाव कीमत पर बाजार में पसहर चावल को बेचने का सिलसिला चल रहा है। अगस्त और सितंबर का महीना त्यौहारी तिथियों का महीना है। ऐसे में पूजन सामग्री के दाम आसमान तक पहुंच गए हैं।
सावन के महीने में बेलपत्र के दाम एक रुपए प्रति नग है, वहीं फूल, दूध, दही तथा धतूरा भी महंगाई की चपेट में है। स्थानीय बाजार में देवी-देवताओं के लिए प्रसाद की खरीदी महंगाई से भक्तों की जेबें साफ हो रही है। पसहर चावल की खेप बाजार में पहुंचते ही 30 रुपए प्रति गिलास तक बिक्री हो रही है, जबकि कमरछठ यानी हलषष्ठी पर्व के मौके पर पसहर चावल का दाम दोगुना हो जाएगा।
संतानों की दीर्घायु के लिए माताएं रखेंगी व्रत
संतानों की दीर्घायु की कामना को लेकर माताएं कमरछठ पर्व पर कठिन व्रत रखकर पूजा-अर्चना करेंगी। इस पर्व पर उपवास तोडक़र खास अन्न ‘पसहर चावल’ का सेवन करेंगी। यह चावल अब बाजार में पहुंच गई है। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों और दुकानों में यह चावल पहुंच गई है। वहीं लोगों ने इसकी खरीदी भी शुरू कर दी है। इस चावल की खास बात यह है कि यह बिना हल के ही खेतों में पैदा होती है। लिहाजा हलषष्ठी के पर्व पर इस चावल की मांग अधिक होती है। माना जाता है कि इस चावल से ही व्रत तोडऩे का सदियों पुराना रिवाज है। कमरछठ पर्व को महिलाएं पूरे उत्साह के साथ मनाती है। हलषष्ठी पर्व पर माताएं पूजा करने के स्थान पर सगरी खोदकर भगवान शंकर एवं गौरी, गणेश को पसहर चावल, भैंस का दूध, दही, घी, बेल पत्ती, कांशी, खमार, बांटी, भौरा सहित अन्य सामग्रियां अर्पित करेंगी। पूजन पश्चात माताएं घर पर बिना हल के जुते अनाज पसहर चावल, छह प्रकार की भाजी को पकाकर प्रसाद के रूप में वितरण कर अपना उपवास तोड़ेंगी।
लंबी आयु की करेंगी कामना
बाजार में पसहर चावल 30 से 40 रुपए गिलास में बिक रही है। बताया जाता है कि इसमें भी अलग-अलग किस्म के पसहर चावल है। मोटा और साफ चावल के भाव तय कर दिए गए हैं। लिहाजा महिलाएं अपने अनुसार चावल की खरीदी कर रही है। इस पर्व में माताएं कठिन व्रत रखकर संतानों की लंबी आयु की कामना करेंगी।