महासमुन्द
शीघ्र राहत का भरोसा दे अफसरों ने ग्रामीणों को वापस भेजा
ङ्क‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 23 अगस्त। महासमुंद जिले के देवलभांठा गांव में तीन दिन से बिजली नहीं है। ग्रामीणों को पीने का साफ पानी भी बोरवेल से नहीं मिल रहा है।
बताया जा रहा है कि गांव में पिछले तीन दिनों से ट्रांसफ ॉर्मर खराब है। गांव के लोग बार-बार बिजली विभाग को फ ोन ला रहे हैं। कुछ तो बिजली विभाग का कार्यालय भी पहुंचे। लेकिन समाचार लिखते तक खराब ट्रांसफ ॉर्मर को विभाग ने बदला नहीं है। मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने सरायपाली बिजली कार्यालय का घेराव कर दिया। लगभग घंटेभर नारेबाजी और आक्रोश दिखाने के बाद विभाग के अधिकारी गुस्साए लोगों को समझा सके और आश्वासन देकर रवाना किया।
ग्रामीणों ने कहा कि ट्रांसफॉर्मर में आई खराबी को तीन दिन गुजर जाने पर भी विभाग ने नहीं बदला। रविलाल यादव, चतुर्भुज साहू, गुलाब निषाद ने बताया कि गांव से बिजली विभाग के दफ्तर और अधिकारी-कर्मचारियों के नंबर पर हर दिन लगभग 100 बार फ ोन करते रहे। जवाब मिलना तो दूर विद्युत अमले ने फ ोन उठाना भी उचित नहीं समझा। इसी वजह से लोगों का आक्रोश भडक़ गया। आक्रोशित ग्रामीण तत्काल ट्रांसफ ॉर्मर बदलने की बात पर अड़े रहे। जिला मुख्यालय से ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की पहल शुरू की गई और शीघ्र राहत देने का भरोसा देकर ग्रामीणों को लौटाया गया। ग्रामीण मुरलीधर यादव, राधे प्रधान, मनोज नायक, चक्रधर यादव, दिलीप साहू ने बताया कि मौसम में उमस और बिजली नहीं होने के कारण तीन दिन से जीना मुश्किल हो गया है।
उनका कहना है कि गांव के लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं। बोरवेल नहीं चलने से कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही वे पीने के पानी के लिए भी तरस गए हैं। बिजली विभाग सरायपाली के ग्रामीण जेई प्रतीक बोरा का कहना है कि घेराव के बाद से ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था में विभाग के लोग लगे हुए थे। गांव में ट्रांसफॉर्मर खराब होने की जानकारी थी। ट्रांसफॉर्मर भी था। कई जगहों से लगातार बिजली की समस्या थी। कई जगहों से फोन आ रहे थे। ग्राउंड स्टाफ सीमित होने के कारण ट्रांसफॉर्मर नहीं बदला जा सका था।