रायपुर

बुरे कर्म ही हमारे पाप और पुण्य की संख्या को बढ़ाते हैं-साध्वी शुभंकरा
04-Sep-2023 8:11 PM
बुरे कर्म ही हमारे पाप और पुण्य की संख्या को बढ़ाते हैं-साध्वी शुभंकरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 4 सितंबर। एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी प्रांगण में चल रहे मनोहरमय चातुर्मास 2023 की प्रवचन श्रृंखला के दौरान सोमवार को नवकार जपेश्वरी साध्वी शुभंकरा श्रीजी ने कहा कि जीवन में किए गए अच्छे और बुरे कर्म ही हमारे पाप और पुण्य की संख्या को बढ़ाते हैं। राग और द्वेष हमारे अंदर कब पैदा हो जाए उसे हम अनजान रहते हैं पर कम सत्ता राई-राई और पाई-पाई का हिसाब रखती है। आज आप इतने बड़े शहर में रहते हैं और जब कुछ सामान खरीदने जाते हैं तो किसी न किसी को साथ में लेकर जाते हैं क्योंकि उसे सामान खरीदी का अनुभव रहता है और दुकानदार से नोकझोंक करके दम भी काम करवाना आता है। वह व्यक्ति जो एक्सपर्ट बनकर साथ में बाजार जाता है, यह उसके घर का काम नहीं होता फिर भी लोग उसे पूछते हैं और उसे साथ लेकर जाते हैं इसलिए वह भी फूले नहीं समाता है जबकि उसे कुछ मिलने वाला भी नहीं है। दुकान में पहुंचकर वह व्यक्ति सामान खरीदी के समय रंग-रूप का चुनाव करता है। किसी भी समान या कपड़े के रंग रूप का चुनाव करना भी कर्मों को बांधना है। मेरी पसंद सबको पसंद है, यह अहंकार भी रखना कर्म बांधता है। आप जिस दफ्तर में कम कर रहे हो वहां यह सोचना कि मेरे बिना यहां पर कोई काम नहीं हो सकता यह भी कर्मों को बांधता है।

हम अपनी स्पर्श इंद्रियों से हल्का-भारी, दरदरा-प्लेन, अच्छा-बुरा, मोटा-पतला, ठंडा-गरम यह सब केवल एक बार छूकर पहचान लेते हैं। आज तो चाय पीने वालों का भी बड़ा नखरा होता है। दरअसल यहां आदत बन चुकी है कि चाय ठंडा होना चाहिए, गर्म होना चाहिए, कडक़ होना चाहिए, फीका होना चाहिए, मीठा होना चाहिए आदि आदि। यह तो केवल चाय का उदाहरण है आजकल तो लोग हर चीज में विकल्प चुनते हैं। रसना इंद्रिय से हम मधुर, तृप्त, आंग्ल, खट्टा, मीठा, नमकीन और कसैला जैसे स्वाद का हमें पता चलता है। इन सभी को मिला दो एक नया ही स्वाद बनता है, िजतना अलग-अलग ढंग से मिलाओ उतना की खाने का स्वाद दोगुना हो जाता हैं। हमें तो पेट भरना है, खाना कैसा भी हो यह सोच कर आप अगर भोजन कर रहे हो तो यह साधना के समान हैं।

धाण इंद्रिय से आपको खुशबू और बदबू में अंतर समझ में आता हैं। खुशबू की बात करें तो आज सभी को परफ्यूम का शौक है। सबको महकना पसंद है और आजकल तो सबको स्प्रे लेकर चलना पसंद है। िकसी गंदी जगह से गुजर रहे हैं, तो भी लोग कहते कि िकतनी बदबू आ रही है। कई लोग तो बिना कुछ कहे भी बदबू के बीच से निकल जाते है, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news