गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 5 सितंबर। वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले में पूछताछ के लिए विभाग के दफ्तर लाए गए आदिवासी युवक की मौत का मामला गरमा गया है। इस मामले में आदिवासी समाज के लोगों ने जिला मुख्यालय के तिरंगा चौक के पास प्रदर्शन किया।
ग्राम झतरीडूमर निवासी भोजराम ध्रुव को वन विभाग कार्यालय लाया गया, जहां से न्यायालय पेश किए जाने उपरान्त जेल दाखिला के दो दिन बाद तबियत खराब के कारण रायपुर रिफर किया गया, जहाँ इलाज के दौरान भोजराम ध्रुव की मौत की सूचना पर आक्रोशित आदिवासी समाज ने सोमवार को अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के आव्हान पर दोषियों के ऊपर तत्काल कार्रवाई एवं मृतक परिवार को मुआवजा राशि व परिजन के एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के तिरँगा चौक पर शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजे के लगभग एनएच 130 मुख्य मार्ग पर धरना प्रदर्शन रात्रि 10 बजे तक चलता रहा।
इस बीच पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों ने तिरँगा चौक पर धरना दे मुख्य मार्ग को जाम किये आक्रोशित आदिवासी समाज को मानमनौवल का दौर देर रात तक चलता रहा अन्तत: रात लगभग 10 बजे वन विभागिय उच्चाधिकारी द्वारा वन रक्षक को ऑफिस संलग्नीकरण आदेश कॉपी दिखाए जाने के बाद धरना प्रदर्शन व सडक़ जाम को खोला गया।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा मुख्य मार्ग जाम किए जाने के कारण देवभोग से रायपुर जाने वाली बस में यात्री घण्टों परेशान होते जाम में फँसे रहे। जिले के आदिवासी समाज द्वारा तिरँगा चौक में वन विभाग के पुतला दहन कर विरोध दर्ज कराया।
मंगलवार को फिर महारैली निकाल धरना प्रदर्शन तिरँगा चौक में सडक़ जाम आदिवासी समाज द्वारा मजरकटा स्थित आदिवासी विकास परिषद से समाज के लोग एकत्रित होकर पद रैली निकाल कर तिरँगा चौक पर सडक़ जाम कर धरना पर बैठ गए, वहीं लगातार वन विभाग के विरोध में नारे बाजी कर भोजराम ध्रुव को न्याय दो, अतिक्रमण जमीन की मांग व परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग किया जा रहा है।