रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 सितंबर। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राचार्यों, व्याख्याता और शिक्षकों का अटैचमेंट खत्म कर दिया है। इन सभी को 10सितंबर तक मूल स्थान पर लौटने कहा है। प्रमुख सचिव शिक्षा डॉ आलोक शुक्ला ने यह आदेश जारी किया है।
प्रदेश के प्राचार्यों, व्याख्याता और शिक्षक बड़ी संख्या में मंत्री, विधायकों और पार्टी के बड़े नेताओं के करीबियों की पहुंच और पैसे के जरिए जिला, संभाग मुख्यालयों के दफ्तर, स्कूलों में अटैचमेंट करा लिया है। कई तो अन्य विभागों में पदस्थ हो गए हैं।
इनमें अधिकांश दूरस्थ इलाकों के स्कूलों के हैं। और वो स्कूल अब शिक्षक और विषय विशेषग्य व्याख्याताओं की कमी से जूझ रहे हैं। इसी तरह कई स्कूल प्राचार्य विहीन होकर प्रभारियों के भरोसे चल रहे हैं। अधिकांश लोग 3-4 ट्रेनिंग के नाम पर राजधानी में आने के बाद पहुंच, पैसे का इस्तेमाल कर रायपुर के ही स्कूलों में या तो तबादला करा लिया या फिर अटैच हो गए। इनमें ऐसे लेग भी हैं जो आत्मानंद स्कूल के लिए ट्रेनिंग लेने आए थे। इस अटैचमेंट के चलते मूल जिला, ब्लाक स्तर पर शिक्षकों की कमी हो गई है । इसका सीधा असर चुनाव कार्य पर पड़ रहा है।
कलेक्टरों और निर्वाचन शाखा की ओर से शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी देने पर प्रमुख सचिव ने यह आदेश जारी किया है। क्योंकि अधिकांश प्राचार्य, व्याख्याता बूथ लेवल अधिकारी की तरह चुनाव कार्य में लगाए जाते हैं।डॉ शुक्ला ने सलंग्नीकरण तत्काल खत्म कर शिक्षकों, प्राचार्य, व्याख्याओं को मूल स्थान पर कार्यभार संभालने कहा है। इसके लिए अंतिम समयावधि 10 सितंबर होगी। और जिले में सभी अटैचमेंट खत्म कर दिए जाने का पत्र डीपीआई को भेजना होगा।
ऐसा न कराने वाले डीईओ या विभाग प्रमुखों पर भी कार्रवाई की जाएगी।