रायपुर

प्राचार्यों की ढिलाई से आचार संहिता में फंस सकती है प्राध्यापकों की पदोन्नति
09-Sep-2023 3:54 PM
प्राचार्यों की ढिलाई से आचार संहिता में फंस सकती है प्राध्यापकों की पदोन्नति

285  मे से  अब तक 100 ने भेजी जानकारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 9 सितंबर।
पखवाड़े भर बाद भी  महाविद्यालय के प्राचार्यों ने पदोन्नति के लिए प्राध्यापकों के सीआर से संबंधित जानकारी संचालनालय नहीं भेजी है। बीती 25 तारीख को संचालनालय ने सभी को पत्र भेजकर विशेष संदेश वाहक से भेजने कहा था।

प्राचार्यों की इस ढिलाई , नजरअंदाजी को लेकर यह समझा जा रहा है कि वे लोग ही प्राध्यापकों की प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं चाहते। प्रदेश के 285 शासकीय कॉलेजों में से केवल 100 में ही रेगुलर प्राचार्य कार्यरत हैं। शेष में वरिष्ठ प्राध्यापकों को प्रभार देकर काम चल रहा है। जबकि प्रदेश में तीन सौ प्राध्यापक हैं। इनमें कुछ क्राइटीरिया अनुसार छंट जाते हैं तो सौ तो पदोन्नत होकर रेगुलर प्राचार्य हो सकते हैं। लेकिन वर्तमान प्राचार्यों की देरी से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। सबके सीआर और अन्य दस्तावेज आने के बाद उनकी स्क्रूटनी कर डीपीसी का गठन होगा। इसमें विभाग के सचिव, आयुक्त, पीएससी सदस्य शामिल होंगे ।  इसमें भी समय लगना है। और यही गति रही तो आचार संहिता लगने के बाद पूरी प्रक्रिया ही पहले विस और फिर लोस चुनाव बाद तक टल जाएगी। समझा जा रहा है कि सभी प्राचार्य यही चाहते हैं ।

संचालनालय के सूत्रों ने बताया कि बीते 16 दिनों में मात्र सौ कॉलेजों से ही जानकारी आई है। अभी भी 185 कॉलेजों का इंतजार है।
 

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