गरियाबंद

नवापारा-राजिम, 11 सितंबर। दिल्ली में हो रहे जी-20 सम्मेलन पर युवा भाजपा नेता किशोर देवांगन ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में हो रहा वर्तमान जी-20 सम्मेलन, अब तक के सबसे अधिक विपरीत परिस्थितियों में हो रहा सम्मेलन है। कोरोना काल के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वर्तमान में विश्व के समक्ष अनेक परेशानियां खड़ी हो गई हैं। खुद सम्मेलन में शामिल हो रहे देशों में से आधे देश, रूस समर्थक हैं तो वही आधे देश यूक्रेन समर्थक। ऐसे में सभी के मध्य सामंजस्य स्थापित करना एक कठिन चुनौती है। बावजूद इसके आयोजित सम्मेलन में सभी देशों का हिस्सा लेना, भारत की शुरुआती सफलता को प्रदर्शित करता है।
और निश्चित तौर पर सम्मेलन की समाप्ति के बाद इसके वैश्विक स्तर पर सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे।
आगे कहा कि आज विश्व में भले ही अमेरिका को महाशक्ति का दर्जा प्राप्त है, लेकिन विश्व के तमाम देशों सहित खुद अमेरिका भी आज भारत को विश्व गुरु मानता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत तोडऩे की जगह जोडऩे में विश्वास करता है। इसके अलावा युद्ध की जगह बुद्ध (शांति) का समर्थन करता है। अगर विश्व के सभी देश भारत के बताए रास्ते पर चलें तो निश्चित तौर पर विश्व स्तर पर शांति स्थापित की जा सकती है।
देवांगन ने कहा कि सम्मेलन की थीम वसुधैव कुटुंबकम रखी गई है, जो इस बात को इंगित करती है कि भारत इस सम्मेलन के बहाने न केवल सम्मेलन में आए देशों के मध्य बल्कि विश्व स्तर पर यह संदेश देना चाहता है कि सभी देश एक परिवार की तरह हैं। अगर समूचा विश्व इस बात को स्वीकार कर ले, तो निश्चित तौर पर विश्व स्तर पर सौहार्द्र, भाईचारा और शांति कायम हो सकती है, जो आज की सबसे बड़ी जरूरत है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत निश्चित तौर पर वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा को स्थापित करने में सफल होगा। यह सम्मेलन जी-20 बैठकों के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा और दुनिया में भारत का धमक बढ़ेगा।