बीजापुर
सोशल मीडिया में छलका दर्द, कहा- हतोत्साहित करने से हूं दुखी, चार्ज देकर लौटूंगा बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 अक्टूबर। विधानसभा चुनाव के लिए बीजापुर से भाजपा की सर्वे में डॉ. बीआर पुजारी का नाम आना उन्हें महंगा पड़ गया हैं। बतौर संयुक्त संचालक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण बस्तर संभाग के पद से उन्हें डिमोशन कर जिला चिकित्सालय जगदलपुर में पदस्थ किया गया है। इस कार्रवाई से डॉ. पुजारी काफी दुखी होकर सोशल मीडिया में अपनी व्यथा जाहिर की है।
ज्ञात हो कि बीजापुर विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से संयुक्त संचालक स्वास्थ्य बस्तर के पद पर पदस्थ डॉ. बीआर पुजारी का नाम सभी सर्वे में प्रबल दावेदार के रूप में उभर कर सामने आया था। इसके बाद डॉ. पुजारी ने भी वीआरएस लेने के लिए आवेदन विभाग को भेज दिया था। अब डॉ. पुजारी का डिमोशन कर दिया गया है।
6 सितंबर को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें डॉ. बीआर पुजारी प्रभारी संभागीय संयुक्त संचालक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग बस्तर संभाग को डिमोशन कर जिला चिकित्सालय जगदलपुर में पदस्थ किया गया है।
इस आदेश के बाद डॉ. बीआर पुजारी का दर्द छलक पड़ा और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा जाहिर करते हुए कहा है कि उनकी लगभग 23 वर्षों से सेवा का यही फल है। अपनी सर्विस लाइफ के करीब 20 साल उन्होंने बीजापुर में बिताए हैं।
उन्होंने कहा कि 6 वर्ष बीएमओ भोपालपटनम 5 वर्ष सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय बीजापुर, फिर 7 वर्ष सीएमएचओ बीजापुर के रूप में कार्य किया। डॉ. पुजारी ने कहा कि अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मैने अपने जिला को राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाने में पूरी ईमानदारी से कार्य किया, पूरे बीजापुर जिले में ऐसे 4 -5 गांव ही होंगे, जहां पर मैंने अपनी सेवाएं नहीं दी हो।
डॉ. पुजारी ने आगे लिखा है कि इसके तत्पश्चात मेरा ट्रांसफर करवाने के लिए बहुत बड़ी साजिश भी की गई और मेरा ट्रांसफर नारायणपुर सीएमएचओ के रूप में हुआ और 16 महीने बाद सीएमएचओ दंतेवाड़ा।
उन्होंने आगे लिखा कि दंतेवाड़ा में मैंने 5 माह काम किया और फिर संयुक्त संचालक स्वास्थ्य बस्तर के रूप पोस्टिंग हुई। उन्होंने कहा कि यहां मुझे कार्य करने के बाद मुझे डिमोशन करके जिला अस्पताल में पदस्थ किया जा रहा हैं।
डॉ. पुजारी ने आगे लिखा है कि चुनावी सर्वे में उनका नाम आने से ही सामने वालों की हालत पतली हो रही है। जबकि अभी किसे टिकट मिलेगा, यह भी नहीं पता.?
उन्होंने लिखा कि मेरे से बोल देते कि तुम चुनाव नहीं लड़ोगे, तो मैं अपना वीआरएस भी वापस ले लेता और चुपचाप बैठ जाता, इस तरह हतोत्साहित करने से मैं बहुत दुखी हूं और एक दो दिन बाद चार्ज देकर वापस बीजापुर आ जाऊंगा, पर इस पद पर ज्वॉइन नहीं करूंगा।
दूसरी तरफ डॉ. बीआर पुजारी का सोशल मीडिया में व्यथा वायरल होने के बाद बीजापुर जिले में तरह तरह की चर्चाएं होनी शुरू हो गई हैं।