बस्तर
ओडिशा-बस्तर से मां दंतेश्वरी मंदिर तक पैदल निकले भक्त
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 15 अक्टूबर। शारदीय नवरात्र के पहले दिन ही बस्तर के साथ ही आसपास क्षेत्रों में रहने वाले पदयात्री रविवार की सुबह नंगे पैर, हाथ में झंडा, पीठ में बैग और जुबान में माता के नाम को जपते हुए पदयात्री दंतेवाड़ा के लिए रवाना हुए है, जहां 3 दिनों तक दिन-रात पैदल चलने के बाद दंतेवाड़ा पहुंचेंगे, जहां मां के दर्शन करने के साथ ही अपनी मुराद पूरी होने की कामना करते हुए वापस अपने घरों के लिए रवाना होंगे।
बताया जा रहा है कि बस्तर जिले के अलावा ओडिशा में रहने वाले लोग प्रति वर्ष शारदीय नवरात्र के पहले दिन से ही अपनी-अपनी मुरादों को लेकर दंतेवाड़ा के लिए रवाना होते हैं। इन भक्तों का जत्था मां दंतेश्वरी मंदिर जगदलपुर में मां के दर्शन करने के बाद जय माता दी की गूंज के साथ ही पैदल निकलते हंै, इस पैदल यात्रा में न सिर्फ युवा बल्कि बुजुर्ग, बच्चे, युवती के अलावा युवा वर्ग खाली पैर मनोकामना को लेकर निकलते हैं।
भक्तों की संख्या को देखते हुए जगह-जगह सामाजिक संस्थाओं के अलावा शासन के द्वारा पंडाल तैयार किया जाता है, जहां इन भक्तों को फल, दवाई, खाना के अलावा अन्य दैनिक सामग्री भी उपलब्ध कराया जाता है, इसके अलावा भक्तों के द्वारा लगातार 3 दिनों तक चलने के कारण उनके पैरों में पडऩे वाले छाले के लिए मेडिकल टीम भी तैनात रहती है, जो इन भक्तों की सेवा करने के लिए तैयार रहती है।
एक पदयात्रियों के दल ने बताया कि वे लोग ओडिशा के ग्राम कनकी से अपने दल के साथ निकले हंै, जहां वे सुख शांति समृद्धि के साथ ही अपने परिवार में किसी तरह से कोई भी परेशानी न हो, इस मनोकामना को लेकर दंतेवाड़ा के लिए निकले हंै, वहीं कुछ लोग कोंडागांव जिले के सोनाबाल से भी निकले है, जो मां दंतेश्वरी के दरबार 100 किमी का सफर तय करने के बाद अपनी मनोकामना पूरी हो, इसी मुराद को लेकर निकले हैं।