कोण्डागांव
कोंडागांव, 16 अक्टूबर। नक्सल प्रभावित गांव चांगेर में लोकतंत्र को मजबूत करने के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम हैं, नए मतदान केंद्रों की शुरुआत ने निवासियों के लिए मतदान को नजदीक लेकर आई है।
चांगेर के लोग 8 किलोमीटर दूर जाकर मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए पैदल इस लम्बे सफर पर निकलते थे। वे अब अपने गांवों में ही मतदान करेंगे। यह उनकी स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद की पहली बार है।
56 गांवों में 20 हजार मतदाताओं के लिए मतदान सुविधाजनक बनी
रुखी ज़मीन और घने जंगल के माध्यम से यात्रा करने के बावजूद, इन परिश्रमी ग्रामीणों ने इस क्षेत्र में सबसे पहले अपने गांवों में मतदान केंद्रों की शुरुआत की। इन गांवों में बनाए गए नए 38 मतदान केंद्रों के द्वारा, जो कोंडागंांव, केशकाल विधानसभा और नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं, इस क्षेत्र में विकास की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।
अब, इन 56 गांवों से अधिक 20 हजार मतदाता इस बार बोझिल सफर के बिना अपना वोट दे सकेंगे। इस कदम ने न केवल इन ग्रामीणों के लिए मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया है, बल्कि इस क्षेत्र में विकास की दिशा में जल्दी से विकसित होने की आशा लेकर आई है।
चांगेर, जो पहले एक नक्सल प्रभावित स्थल था, अब शांति और समृद्धि की ओर कदम बढ़ा रहा हैं। इन नए मतदान केंद्रों के साथ, मतदाता उपस्थिति में वृद्धि हुई हैं और साथ ही उम्मीद भी पैदा हुई है कि क्षेत्र में विकास की गति तेज होगी। यह कदम न केवल इन गांववालों के लिए मतदान प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया है, बल्कि उन्हें विकास के साथ बदलने की उम्मीद भी लेकर आई है।