बस्तर

महारानी अस्पताल में कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण
18-Oct-2023 7:28 PM
महारानी अस्पताल में कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 18 अक्टूबर। जिला चिकित्सालय महारानी अस्पताल के डॉक्टरों ने ग्रामीण महिला के हिप रिप्लेसमेंट या कूल्हे का प्रत्यारोपण कर नया इतिहास रच दिया है। इसकी जानकारी सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद ने दी।

डॉ. प्रसाद ने बताया कि बस्तर के गांव की 25 वर्षीय महिला इलाज कराने महारानी जिला चिकित्सालय जगदलपुर पहुंची। उनके पति ने बताया कि पत्नी को चलते समय दर्द व सीढिय़ां चढऩे, जोड़ो में अकडऩ, कमर के नीचे दर्द एवं बिना सहारा के उठने बैठने में तकलीफ की समस्या पिछले 5 साल से है। कई जगह से इलाज करने के बाद भी उसे फायदा नहीं हुआ। रायपुर व अन्य उच्च संस्थानों द्वारा परामर्श के बाद दंपत्ति महारानी अस्पताल आया एवं जिला चिकित्सालय के अस्थि रोग विभाग में परामर्श लिया।

 दंपत्ति को जब इस बात का पता चला कि यह इलाज जगदलपुर में  संभव है तो उसने यह इलाज महारानी अस्पताल में ही करवाना चाहा, जिसके बाद इलाज के लिए अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय प्रसाद द्वारा परीक्षण करने पर महिला एवैस्कुलर नेक्रोसिसइस बीमारी से ग्रसित पायी गई।

इस बीमारी को ऑस्टियोनेक्रोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह सामान्यत: कूल्हे की हड्डी में होती है, जिसके कारण फीमर का गोल हिस्सा जो कूल्हे का जोड़ बनता है वो गलने लगता है, वैसे तो ये समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन मुख्य तौर पर 30 से 60 वर्ष के बीच के आयु वर्ग वाले लोग इससे ज्यादा पीडि़त होते हैं।

 केस की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. संजय प्रसाद अस्थि रोग विशेषज्ञ सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक द्वारा टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी करने की सलाह दी गई। इस हेतु आवश्यक जटिल सर्जरी की व्यवस्था के लिए स्वयं डॉ. संजय प्रसाद अस्थि रोग विशेषज्ञ, डॉ. वीरेंदर ध्रुव निश्चेतना विशेषज्ञ, डॉ. रवि चंद्रा, डॉ. सेतु कुमार, डॉ. राजा की मदद के द्वारा अंतत: महिला की बांये तरफ की टोटल हिप रिप्लेसमेंट कूल्हे की सर्जरी की गई।

 मरीज ने बताया कि सर्जरी उपरांत दर्द से राहत मिली एवं अब वह चलने फिरने में सक्षम है।

इस सर्जरी को सफल बनाने में महारानी अस्पताल जिला बस्तर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय प्रसाद, डॉ. लखन ठाकुर, डॉ. वीरेंदर ध्रुव निश्चेतना विशेषज्ञ, डॉ. रवि चंद्रा, डॉ. सेतु कुमार एवं प्रभारी अरुणा त्यागी, विमला सेठिया,  शिवेंद्र कुमार, सुनीता बघेल वार्डबॉय दीपक कुंजाम, रानी सोनी इस का योगदान रहा।

महिला दम्पति के द्वारा जटिल सर्जरी हेतु चिकित्सक को धन्यवाद दिया।

एवैस्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण - प्रारंभिक अवस्था में एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में, आपको कूल्हे के आसपास दर्द महसूस हो सकता है। साथ ही आवाजाही में परेशानी हो सकती है। लेकिन गंभीर स्थिति में इस समस्या से पीडि़त व्यक्ति को बहुत तेज दर्द का सामना करना पड़ता है। इस समस्या से पीडि़त व्यक्ति को कूल्हों के आसपास तेज और असहनीय दर्द होता है, जिससे बिस्तर से उठना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर आपको कभी भी कूल्हों के आसपास हल्का सा दर्द महसूस हो तो इसे नजरअंदाज न करें। इसके साथ ही कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं जैसे- कुल्हे के आसपास मूवमेंट ( हिलाने )में परेशानी ज्वाइंट्स में दर्द होना दर्द की वजह से चलने और बैठने में परेशानी होना दर्द बढऩे पर हड्डियां टूटने जैसा महसूस होना।

 एवैस्कुलर नेक्रोसिस के कारण- एवैस्कुलर नेक्रोसिस तब होता है जब हड्डियों में रक्त संचार बाधित या कम हो जाता है। सरल शब्दों में कहें तो यह समस्या हड्डियों में रक्त की आपूर्ति कम होने के कारण हो सकती है।

जोड़ में किसी भी प्रकार की चोट या किसी उखड़े जोड़ के कारण हड्डियों के आसपास की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे यह रोग हो सकता है। खासतौर पर कैंसर के इलाज के दौरान ज्यादा रेडिएशन के इस्तेमाल से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसके अलावा, विकिरण रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ज्यादातर मामलों में कैंसर के इलाज के बाद मरीजों में इस तरह की समस्या देखने को मिली है, रक्त वाहिकाओं में वसा (लिपिड) का संचय हड्डियों को रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकता है। जिससे हड्डियों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। साथ ही, यह रक्त प्रवाह को कम करता है। इस कारण से, एक व्यक्ति एवैस्कुलर नेक्रोसिस से पीडि़त हो सकता है।

कुछ अन्य बीमारियां भी  एवैस्कुलर नेक्रोसिस का कारण हो सकती है जैसे सिकल सेल एनीमिया जैसी चिकित्सा स्थितियां हड्डियों को रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध कर सकती हैं, जिससे व्यक्ति को एवस्कुलर नेक्रोसिस विकसित होने की अधिक संभावना होती है।

 एवैस्कुलर नेक्रोसिस से बचाव- शराब के अधिक सेवन से एवैस्कुलर नेक्रोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में अधिक मात्रा में शराब के सेवन से बचें।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को रखें कंट्रोल- रक्त वाहिकाओं में वसा छोटे-छोटे टुकड़ों में जमा होने लगती है, जिससे हड्डियों को रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है। इसलिए अपने शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित रखें, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से यह जांच अवश्य कर लें कि आपने पहले और वर्तमान समय में कितना स्टेरॉयड लिया है। साथ ही इस जानकारी को डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं। दरअसल, स्टेरॉयड का ज्यादा सेवन हड्डियों को पहुंचाता है, जिससे एवैस्कुलर नेक्रोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

धूम्रपान के अधिक सेवन से एवैस्कुलर नेक्रोसिस का खतरा बढ़ जाता है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस एक गंभीर स्थिति है। ऐसे में अगर कूल्हे या जोड़ के आसपास दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ताकि इस गंभीर स्थिति का समय पर इलाज किया जा सके, हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हिप जॉइंट को प्रोस्थेटिक इम्प्लांट यानी हिप प्रोस्थेसिस से बदल दिया जाता है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को फुल रिप्लेसमेंट या हेमी रिप्लेसमेंट के रूप में भी किया जा सकता है। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी कराने के कई कारण हो सकते हैं। इस सर्जरी के दौरान, कूल्हे के जोड़ को हटा दिया जाता है और कृत्रिम जोड़ों से बदल दिया जाता है, जो धातु या प्लास्टिक से बने होते हैं।

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