बलौदा बाजार

स्कूलों की हालत बदहाल, बच्चों से शुल्क लेकर शिक्षकों को दे रहे वेतन
27-Oct-2023 7:35 PM
स्कूलों की हालत बदहाल, बच्चों से शुल्क लेकर शिक्षकों को दे रहे वेतन

शिक्षकों की कमी, जन भागीदारी समिति ने की व्यवस्था पर पढ़ाई नहीं होने से बच्चे नाम कटवा रहे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 27 अक्टूबर। जिले में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां कई साल से शिक्षक नहीं है। स्कूलों में जन भागीदारी समिति और स्कूली बच्चों से पैसे वसूल कर शिक्षकों की व्यवस्था की है। कुछ स्कूलों से तो बच्चे नाम कटाकर निजी स्कूलों में जा रहे हैं। सुरक्षा के लिए चौकीदार साफ-सफाई के लिए चपरासी और लेखपाल ग्रंथालय की कमी भी है।

एक ओर शिक्षा सत्र आधा से अधिक बीत चुका है परंतु अंचल के जांगड़ा, नवापारा, रावन, भटेरा, सुहेला के हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों के बच्चों को 4 से 6 विषयों के शिक्षकों के बिना अपनी पढ़ाई करनी पड़ रही है।

दूसरी ओर विद्यार्थी व उनके पालक स्कूलों को दिए जाने वाले शिक्षा शुल्क, क्रीडा शुल्क, क्रियाकलाप शुल्क, विज्ञान मद, पुवर वायज फंड, स्काउट रेट क्रॉस और ईकोक्लब फंड के अलावा प्रति बच्चे सैकड़ंो रुपए जन भागीदारी शिक्षक, चपरासी व चौकीदारों के लिए इसलिए देते हैं ताकि वे अपने गांव के 5 किलोमीटर के भीतर जैसे तैसे पढ़ाई पूरी कर सकें।  जैसे तैसे का मतलब यह है कि यदि शासन अपनी शर्तों में शिक्षकों की नियुक्ति करता है तो उन्हें बीएड, डीएड के साथ पद के लायक अनिवार्य योग्यता होनी चाहिए जबकि जन भागीदारी शिक्षक के लिए ऐसी कोई बाध्यता नहीं है।

डी ई ओ देवांगन ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, शाला विकास और प्रबंधन समिति द्वारा बच्चों के हित में उचित निर्णय लिया जा रहा जा सकता है। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी सिमगा राकेश सिंह राजपूत ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति राज्य शासन करता है। शिक्षक कमी की जानकारी उच्च अधिकारी को दे दी गई है।

 34 हजार रूपये प्रति माह ले रहे बच्चों से

नवापारा स्कूल के प्राचार्य जीआर घितकर ने बताया कि हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी और कॉमर्स के शिक्षक नहीं है। जन भागीदारी समिति ने 6 हजार प्रति माह से पांच शिक्षक नियुक्त किये हंै। 34 हजार रूपये प्रति माह की दर से 10 माह के लिए 3 लाख 40 हजार रुपए 435 विद्यार्थियों से वसूल किए जाते हैं।

 रावन स्कूल 1 लाख 20 हजार

रुपये दे रहे हैं

रावन स्कूल के प्राचार्य प्रीतम यादव ने बताया कि हिंदी, राजनीतिक, भूगोल, रसायन, वाणिज्य, बायो भौतिक, जीव विज्ञान और गणित विषय के लिए शिक्षक कई सालसे नहीं है। एक महिला व्याख्याता 2 साल से नहीं आ रही। 10 माह के लिए रखें शिक्षकों के वेतन 1 लाख 20 हजार रुपए का भार 243 बच्चों के पालकों पर डाल दिया है।

जमीन फसल के लिए देते हैं

भटभेरा प्राचार्य बीएल घृतलहरे ने बताया कि भटभेरा स्कूल में हिंदी, भूगोल, वाणिज्य और संस्कृत विषय के लिए शिक्षक नहीं है। जन भागीदारी समिति द्वारा स्कूल के नाम की भूमि को प्रतिवर्ष फसल के लिए नीलम कर उसे राशि से शिक्षक की व्यवस्था की जाती है।

 व्याख्याता के 23 पदों में मात्र 7 ही पदस्थ

सुहेला स्कूल के प्राचार्य डीपी कोसले ने बताया कि यहां व्याख्याता के 23 पदों में केवल 7 ही पदस्थ हैं। हिरमी प्राचार्य कल्पना झा ने कहा- भूगोल, कॉमर्स और विज्ञान शिक्षक की कमी है। मोहरा प्राचार्य के पी राय ने बताया कि यहां पर भौतिक, हिंदी, संस्कृत, राजनीतिक और भूगोल के शिक्षक नहीं हैं। बच्चे निजी स्कूलों में एडमिशन ले रहे हैं। तीन शिक्षक नियुक्त किए हैं, जिसका वहन 224 विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा है।

गणित और अंग्रेजी के टीचर नहीं

मुंडा स्कूल के प्राचार्य ने बताया कि स्कूल में पिछले 10 साल से गणित और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। विज्ञान के शिक्षक अंग्रेजी व संस्कृत के शिक्षक गणित पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की कमी को लेकर समाचार प्रकाशित किया गया था, इसके बाद तत्कालीन जिला शिक्षक अधिकारी ध्रुव ने अगस्त में गणित टीचर उत्तम कुमार बारले को भेजा था। नए जिला शिक्षा अधिकारी के आने के बाद यहां 15 20 दिन रहने के बाद उत्तम कुमार बारले को कोलिहा भेज दिया। जबकि कोलिहा में पहले से ही गणित की एक और टीचर है। जहां 165 छात्र छात्राएं हैं बच्चों की दर्ज संख्या के हिसाब से शिक्षक नहीं है। यहां तीन ही शिक्षक पदस्थ है। शिक्षिका ममता चौहान संस्कृत की टीचर है, किंतु संस्कृति और गणित भी पढ़ाती हैं। अंजू साहू हिंदी और सामाजिक विज्ञान पड़ती है।

भौतिक-साइंस के शिक्षक नहीं

चोवाराम बघेल शासकीय विद्यालय जांगड़ा में 2012 से गणित, भौतिकी, रसायन, अर्थशास्त्र, राजनीति के शिक्षक नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल के प्राचार्य संजय कुमार साहू ने बताया कि स्कूल में 244 विद्यार्थियों के लिए उनके सहित शिक्षा की है। जहां जांगड़ा, भवरगढ़, भिलाईडबरी, गोदरी के बच्चे पढ़ते हैं लेकिन शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थी अन्य स्कूलों में जा रहे हैं।

जांगड़ा के सरपंच प्रतिनिधि जयप्रकाश धुरंधर और भवरगढ़ सरपंच शोभाराम साहू ने बताया कि तीन जन भागीदारी शिक्षक हंै। स्कूल के कुछ बच्चों ने नाम न छापने की शर्तें पर बताया कि शिक्षकों के लिए प्रत्येक छात्र से 13 सौ रुपए लिए जाते हैं, वहीं एक पालक ने कहा-उनके दो बच्चे पढ़ते हैं, इसलिए 13-13 सौ रुपए के हिसाब से फीस दी है। इससे अतिरिक्त भार हम पर पड़ रहा है।

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