महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 20 नवम्बर। जिले में हरुना धान की कटाई तेज हो गई है। देर से पकने वाले धान की कटाई देवउठनी त्योहार के बाद प्रारंभ होगी।
जानकारी के मुताबिक महासमुंद अंचल में हरुना प्रजाति के 1008, महामाया, सिल्की, 1010, ओमर्थी को 40 प्रतिशत एरिया में बोया गया है। इसकी कटाई तेज गति से चल रही है। दीपावली त्योहार तक 70 प्रतिशत फसल कटाई पूरी हो चुकी है। हरुना धान दशहरा के पहले ही पूरी तरह पक कर तैयार हो गई थी।
किसानों की मानें तो खेतों की ज़मीन गीली होने के कारण हार्वेस्टर मशीन धान की कटाई करने खेतों के अंदर नहीं जा पा रही है। इस वजह से किसान मजदूरों के भरोसे निर्भर हंै। गांवों में मजदूरों की मांग बढऩे से मजदूर कम पड़ रहे हैं। महिला मजदूरों का रेट पिछले वर्ष जहां 120 था। इस वर्ष बढक़र 150 तक चला गया है। वहीं पुरुष मजदूर का रेट 180 से 200 तक लिया जा रहा है। धान की बीड़ा बंधाई का मजदूरी दर 250 लिया जा रहा है।
किसानों का कहना है कि हार्वेस्टर मशीन से धान कटाई के लिए गत वर्ष पंद्रह सौ से 2000 था। इस वर्ष 1800 से 2500 रुपए तक हो गया है। थ्रेसर मशीन से मिंजाई कराने प्रति घंटा 1400 से 1500 रुपए लिया जा रहा है, जो गत वर्ष 1000 से 1200 तक था।