महासमुन्द
मुख्य द्वार से लेकर स्ट्रांग रूम तक कई सीसीटीवी कैमरे की भी नजर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 21 नवम्बर। चारों विधानसभा क्षेत्रों की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को स्ट्रांग रूम में 3 लेयर की कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है। यहां सिर्फ पासधारी ही प्रवेश कर सकते हैं। प्रवेश करने वाले भी दूसरे लेयर तक ही जा सकते हैं। मतगणना स्थल कृषि उपज मंडी में मुख्य द्वार से लेकर स्ट्रांग रूम तक सुरक्षा बलों के करीब 3 सौ जवानों का पहरा है।
मतदान के बाद 18 नवंबर को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों व प्रेक्षकों की उपस्थिति में सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को स्ट्रांग रूम संबंधित विधानसभा कक्ष में सीलिंग कर सुरक्षित रखा गया है। इनकी सुरक्षा के लिए पहले लेयर में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 91 सशस्त्र जवान तैनात हैं। जबकि दूसरे लेयर में छग आम्र्स फोर्स के जवान कंपनी कमांडर जुनास मिंज के नेतृत्व में और तीसरे लेयर में बाहर की ओर जिला पुलिस बल के जवान एसडीओपी मंजूलता बाज और डीएसपी अजय शंकर त्रिपाठी के नेतृत्व में तैनात हैं। जबकि एएसपी आकाश राव गिरेपूंजे सतत निगरानी कर रहे हैं।
इन सबके अलावा मुख्य द्वार से लेकर स्ट्रांग रूम तक कई सीसी टीव्ही कैमरे लगे हुए हैं। मुख्य सडक़ से लगे मुख्य प्रवेश द्वार पूरी जांच के बाद पासधारी आगंतुक को ही प्रवेश दिया जा रहा है। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि सुरक्षा व्यवस्था या परिसर की गतिविधि देखने आते हैं, तो उन्हें भी द्वितीय लेयर के सुरक्षा घेरे से आगे बढऩे नहीं दिया जाता। द्वितीय लेयर पर ही भाजपा और कांग्रेस बड़े राजनीतिक दल और उनके 8 प्रत्याशियों की राजनीतिक प्रतिष्ठा स्ट्रांग रूम में रखी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कैद है। लिहाजा इसे गंभीरता से लेते हुये भाजपा ने अपने दो स्ट्रांग रूम पर भाजपा की निगरानी, कांग्रेस प्रतिनिधि दीपक सिन्हा और सूरज पांडे को रात में वहां तैनाती कर रखी है।
स्ट्रांग रूम के सामने कंट्रोल रूम में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की सोने की व्यवस्था है। इसी तरह दिन में भाजयुमो नेता नंदू जलक्षत्री, जतिन रूपरेला, आकाश पांडे वहां तैनात रहते हैं। जबकि कांग्रेस की ओर से अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
12 दिन बाद 3 दिसंबर को मतगणना होगी। मतदान के अवसर पर पहुंची केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा की 2 कंपनियां नारायणपुर तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल की 2 कंपनियां भिलाई रवाना हो चुकी है। सुरक्षा बलों की कुल 31 कंपनियों ने जिले भर में मतदान व इससे जुड़ी सुरक्षा व्यवस्थाओं को सम्हाल रखा था। जिले में अभी 27 कंपनियां शेष हैं। इनमें सीमा सुरक्षा बल की 12, सशस्त्र सीमा बल एसएसबी की 1 तथा औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ की 4 कंपनियां शामिल हैं। एक कंपनी में 90 से लेकर 120 जवान होते हैं। इन कंपनियों के करीब 24 सौ जवानों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था अलग-अलग स्थानों पर जिला प्रशासन ने की है।