महासमुन्द
गर्मी आते ही ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 नवंबर। महासमुंद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों तक पानी पहुंचाने के लिए टंकी निर्माण कर पाईपलाईन बिछाई गई है, ताकि ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना न पड़े। लेकिन निर्माण एजेंसियों की लापरवाही के कारण आज भी कई गांवों में निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं और ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अगले एक दो महीने में गर्मी शुरू होते ही जल संकट शुरू हो जाएगा। ऐसी स्थिति में जहां इस योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, वहां के ग्रामीणों को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति ग्राम बरिहापाली में बनी हुई है। जहां नवम्बर 2022 तक कार्य पूर्ण हो जाना था, लेकिन एक वर्ष अधिक बीत जाने के बाद भी टंकी बनकर तैयार नहीं हुआ है।
विभागीय जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत बरिहापाली में जल जीवन मिशन के तहत लगभग साढ़े 65 लाख की लागत से फरवरी 2022 में कार्य प्रारंभ किया गया था। जिसे नवम्बर 2022 तक पूर्ण किया जाना था। इस संबंध में ठेकेदार ने सूचना बोर्ड भी लगा दिया है। यहां पाइपलाईन बिछाने का कार्य भी हो चुका है लेकिन लगभग दो वर्ष बीत जाने पर भी पानी टंकी का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ है।
बरिहापाली के ग्रामीण कहते हैं कि ठेकेगार ने लगभग 4 महीने पहले से पानी टंकी निर्माण कार्य बंद किया हुआ है। उसे पूर्ण करने में कोई रूचि नहीं दिख रहा है। किसी तरह बोरवेल से पाईपलाईन में पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन आगामी दिनों में जल स्तर में कमी आने पर पाईपलाईन से पानी पहुंचाना मुश्किल होगा।
मालूम हो कि जल जीवन मिशन योजना में प्रत्येक गांव में एक वाटर हेड टैंक का निर्माण किया जाता है। इस टैंक की क्षमता गांव की आबादी के आधार पर तय होती है। इसके बाद हर घर तक पाइपलाइन बिछाई जाती है और घरों में पानी का कनेक्शन दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत कई ग्रामों में लगभग दो वर्ष पूर्व से पानी टंकी का निर्माण व पाईपलाईन बिछाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। अनेक स्थानों पर तो कार्य पूर्ण हो गया है और ग्रामवासियों को इस योजना से जल आपूर्ति भी शुरू हो गई है, लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हंै जहां कहीं पानी टंकी अधूरा पड़ा है तो कहीं पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
इस योजना में कई गांवों में मामूली गड्ढे खोदकर पाईपलाईन बिछाए गए हैं और घरों तक कनेक्शन भी नहीं पहुंचाया गया है। इस बीच वाहनों के चलने से बिछाए गए पाईप भी खराब होने के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में उन गांवों में पानी पहुंचने के पहले ही जल जीवन मिशन का औचित्य समाप्त होने की स्थिति में हैं।