रायपुर
अभी केवल प्रशिक्षण की चल रहा है
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 नवंबर। डिजिटल सेक्रेटेरिएट का जिन्न एक बार फिर बाहर निकला है। राज्य मंत्रालय के कामकाज को लिपिक से लेकर मुख्य सचिव और फिर सीएम तक आनलाइन करने की यह प्रक्रिया एक दशक से कछुए की चाल चल रही है। पूर्व मुख्य सचिव सुनील कुमार ने 2012 में शुरू की थी। और अब तक कंप्यूटर मशीनों की स्थापना से निकल कर नस्तियां टाइप करने तक ही पहुंच पाई है। कुछ महीने पूर्व फाइल ट्रैकिंग भी आनलाइन करने , अधिकारी,कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई थी। यानी एक सामान्य व्यक्ति के आवेदन की क्या स्थिति है वह किस लिपिक या सचिव के पास ,कितने दिन महीनों से लंबित है,उसे आनलाइन देखा जा सकेगा। कर्मचारी, अधिकारियों ने ट्रेनिंग तो ले लिया लेकिन फाइल इस ट्रैक पर नहीं आ पाई है। बताया तो यह भी जाता है कि इसे ट्रायल बेसिक पर राज्य के दूसरे सबसे बड़े बजट वाले स्वास्थ्य विभाग में शुरू भी किया गया, जो कुछ दिनों में आफ ट्रैक हो गया...! और अब डाक फाइल के पुटअप करने से लेकर उसके अफसर ,मंत्री और मुख्यमंत्री तक फारवर्ड करने के पूरे सिस्टम को आनलाइन करने की कवायद शुरू की जा रही है। इसके लिए चिप्स, पिछले कुछ दिनों से विभाग वार स्टाफ को ट्रेनिंग दे रहा है। बताया जा रहा है कि राज्य प्रशासन को ईमेल से आवेदन मांग पत्र और ,शिकायतें मिलने लगीं है। इन्हें डाउनलोड कर आगे अग्रेषित कैसे किया जाए इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह ट्रेनिंग अभी चल रही है।
दूसरी ओर छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अपने सबसे अहम कार्य प्रक्रिया को आनलाइन करने में सफलता हासिल कर ली है। सत्र के लिए प्रश्न जमा करने और उनके उत्तर भी आनलाइन लेकर वेबसाइट में अपलोड किए जाने लगे हैं। वहीं ध्यानाकर्षण सूचनाओं के उत्तर भी आनलाइन उपलब्ध होने लगे हैं।