बलरामपुर
किसान उद्यमी बनकर लोगों को कर रहे प्रेरित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 29 नवंबर। रामानुजगंज के राजा तिवारी ग्राम पंचायत आरागाही में रूद्रा नर्सरी और रूद्रा एग्री जेनेटिक्स के नाम से संचालन कर रहे हैं। सैकड़ों वैराइटी के फल - फूल और औषधीय पौधे लगाकर कमाई कर रहे हैं, साथ ही दूसरे शहरों में सप्लाई भी कर रहे हैं। ऑफ सीजन में फलने वाले आम की वैरायटी है, खेती बागवानी में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर तरक्की कर रहे हैं।
राजा तिवारी ने बताया कि आईटी सेक्टर की नौकरी छोडक़र एग्रीकल्चर के फील्ड में आया और सिजेंटा जैसी कंपनियों में काम किया। 2018 में मुझे लगा कि शायद इस क्षेत्र में और काम करना चाहिए तो अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी चालू किया। जब मैंने देश के अलग-अलग हिस्सों में विजीट किया तो मैंने देखा की फार्मर ट्रेडिशनल खेती कर रहे हैं। आज के समय में उसमें स्कॉप नहीं है. कृषक बनकर अपनी उन्नति नहीं कर सकते तो मैंने सभी को कृषक उद्यमी बनाने की कोशिश की और मैंने हॉर्टिकल्चर की दिशा में काम करना शुरू किया।
मैंने देखा कि फलों की खेती में पर्याप्त मुनाफा आता है,मैंने 2021 में रूद्रा नर्सरी और रूद्रा एग्री जेनेटिक्स के नाम से अपना काम स्टार्ट किया नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड जो बहुत सारी योजनाओं में सब्सिडी देती है जिसके तहत मैंने बलरामपुर जिले में काम किया। मैंने जब यह स्टार्टअप किया तो बहुत कम रिस्पांस था समय के साथ लगातार कामयाबी हासिल हो रही है।जिले में करीब 100 एकड़ में फू्रट फार्मिंग स्टार्ट हो गया है। मुझे भरोसा है कि 2025 तक बलरामपुर जिले में लगभग 500 करोड़ का फ्रूट फ्लावर एंड वेजिटेबल कल्टिवेशन का एडवांस मेथड से मार्केट बनने जा रहा है।
2018 में पांच दोस्तों के साथ शुरू की कंपनी, फिर पकड़ी अपनी राह
राजा तिवारी ने साल 2018 में अपने पांच दोस्तों के साथ मिलकर इंडो ग्रीन क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी शुरू की, धीरे-धीरे ग्रॉथ करने लगी लेकिन उन्होंने अपनी अलग राह बनाने की सोची और फिर 2021 में अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया।
राजा तिवारी क्षेत्र के युवाओं को खेती बागवानी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उमाशंकर सोनी ने अपनी बैंक की नौकरी छोडक़र कृषक उद्यमी बनने का फैसला किया और ग्राम पंचायत लुरगी में पांच एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने स्ट्रॉबेरी के एक लाख तीस हजार पौधे लगाए हैं, उन्हें अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है।