बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार,8 दिसंबर। चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर से प्रदेश के पूर्वी और अरब सागर में बने चक्रवात से आ रही नमी के असर से 4 दिसंबर की रात से शुरू हुई बारिश 5. 6 और 7 दिसंबर को भी रुक-रुक कर होती रही। आसमान में घने बादल छाए हुए है। मौसम में लगातार हो रही तब्दीली से किसानों को फसल की चिंता सताने लगी है। हवा चलने से तापमान कम हो गया है। हर साल की तरह इस साल भी किसानों ने अपने खून पसीना सींचकर धान की बम्पर पैदावार ली है। किंतु पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
पिछले 5 दिनों से मौसम में आए एकाएक बदलाव से क्षेत्र में 3 दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है लिहाजा किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। बादल छाए रहने के साथ दो-तीन दिन से हो रही बारिश से धान की कटाई-मिंजाई के अलावा समिति में धान खरीदी कार्य पर विराम लग गया हैं। लगातार दो-दिनों से हो रही बारिश ने खेती किसानी चौपट कर दी है। खेत खलिहान गीले हो गए हैं, जिसमें ट्रैक्टर या अन्य मशीनें नहीं चल पाएगी। ऐसे में अब मौसम भी खुलता है तो कटाई मिंजाई के लिए किसानों को खेतों के सूखने तक इंतजार करना होगा।
ग्राम मुंडा के कृषक पोखराज साहू मेलाराम रजक सुमेर वर्मा हरिशंकर साहू धनगांव के तुलसी मनहरे कोहरौद के किसान पन्ना रजक हंस रजक सालिक पटेल ने बताया कि खराब मौसम ने फिर एक बार किसानों को परेशानी में डाल दिया है। सोमवार को दिनभर बादल छाए रहने के बाद मंगलवार से लेकर गुरुवार तक सुबह से लेकर शाम तक रिमझिम बारिश होती रही बारिश और ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गए हैं।
बारिश के चलते कृषि कार्य ठप हो गए हैं। कटाई-मिंजाई के दौर में बारिश होने से परेशानी बढ़ गई है। वर्तमान में लगभग 30 फ़ीसदी धान कटाई कार्य बचा हुआ है बारिश होने से खेतों का धान फिर भीग गया है।
किसानों ने बताया कि बारिश होने से धान की फसल प्रभावित हो रही है। बारिश से खड़ी फसल नरम होकर गिरने लगी है वहीं कट चुका धान भीग रहा है। मौसम की मिजाज को देखते हुए किसानों की माथे पर चिन्ता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा रही है। वहीं कई ऐसे किसान हैं, जिनके पास अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए जगह का अभाव जिसके चलते बेमौसम बारिश से अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।